मिर्च का खाने में अपना महत्व है। थोड़ी सी तीखी मिर्च जहां खाने के स्वाद को बिगाड़ देती है वहीं इसकी अनुपस्थिति में खाना एकदम फीका लगता है। ठीक उसी प्रकार यदि मिर्च में कोई रोग लग जाए तो पूरी फसल बिगड़ जाती है और यदि मिर्च की फसल की ठीक तरह से देखभाल की जाए तो यह किसान भाइयों को फायदा भी देती है। यह बात ग्राम करहिया, रीवा, मप्र, के कृषि विज्ञान केंद्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश कुमार ने कही। वे बतौर मुख्य वक्ता केवीके में आयोजित मिर्च के लिए प्रक्षेत्र दिवस पर उपस्थित थे।
डॉ. कुमार ने कहा कि मिर्च में लगने वाली सबसे जल्दी व गंभीर बीमारी है पर्ण कुंचन जिसके प्रबंधन के लिए कृषकों को पौधशाला में बीजोपचार, जालीदार नेट का प्रयोग, रोपाई के समय जड़ शोधन एवं समय-समय पर आवश्यकतानुसार जैव कीटनाशी रसायनों का प्रयोग करना चाहिए। वहीं केंद्र के खाद्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रजीत सिंह ने मिर्च का सब्जी में सही मात्रा में प्रयोग व उसके पोषक तत्वों के विषय पर प्रकाश डाला। पौध रोग वैज्ञानिक डॉ. केवल सिंह बघेल ने मिर्च में लगने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं लक्षण के साथ प्रबंधन के विषय में बताया। इस अवसर पर गाँव की महिला उपसरपंच एवं प्रगतिशील किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी शंकाओं को दूर किया।
यह कार्यक्रम डॉ. एस. के. पाण्डेय, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, रीवा के मार्गदर्शन एवं डॉ. ए. के. पाण्डेय, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, रीवा के निर्देशन में आयोजित किया गया।
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