पिछले दिनों कृषि महाविद्यालय रीवा में कालेज दिवस का अयोजन हुआ, जिसमें सर्व प्रथम स्वागत कार्यक्रम में ज.ने. कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से आये हुये कुलपति प्रो. पी.के. विसेन मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि मान्नीय श्री केदारनाथ शुक्ल, विधायक, प्रमंण्डल सदस्य एवं सभापति म.प्र. विधान सभा कृषि विकास समिति, डॉ. (श्रीमती) आशा अरूण यादव प्रमंण्डल सदस्य, ज.ने. कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. एस.के. पाण्डेय अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रीवा, टी.एस.ए. के अध्यक्ष डॉ. एस.के. त्रिपाठी एवं डॉ. रघुराज किशोर तिवारी वरिष्ट वैज्ञानिक कृषि महाविद्यालय रीवा का स्वागत किया गया एवं मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि दीप प्रज्वल्वित किया गया। इसके पश्चात् रीवा के विभिन्न क्षेत्रों के प्रगतिशील किसानों को उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रशस्त्र पत्र एव साल देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कालेज के प्रत्येक वर्ष में आये हुए सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मान्नीय केदारनाथ शुक्ल ने छात्र/छात्राओं से अह्वान किया कि वैज्ञानिको द्वारा विकसित की गई नई तकनीकियों को गांव - गांव तक पहुँचाये और ऐसी तकनीक को विकसित करे जो विन्ध्य प्रदेश के अनुरूप हो।
मान्नीय कुलपति डॉ. पी. के. विसेन ने इस अवसर पर छात्र/छात्राओं एवं प्राध्यापक गण को बधाई एवं शुभकामनाये दी तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं कृषि महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं वैज्ञानिकों एवं छात्र छात्रों से कहा कि अनुसासित होकर मेहनत करें जिससे इस विश्वविद्यालय को 75 कृषि विश्वविद्यालय में 12 वा स्थान से प्रथम स्थान में लाया जा सके।
अधिष्ठाता डॉ. एस. के. पाण्डेय ने छात्र छात्राओं एवं कृषकों को बधाई दिया एवं कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्रो के वैज्ञानिक द्वारा किये जा कार्यो की सराहना की। प्रमंडल सदस्य डॉ. (श्रीमती) आशा अरूण यादव ने अपने उद्बोधन में कहा नई कृषि तकनीकियों से कृषि में कार्य करने वाली महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो और उन्होंने ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ पर बल दिया।
इस अवसर वरिष्ठ प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक एवं छात्र/छात्राये उपस्थित थें। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र रीवा के वैज्ञानिक उपस्थित थें। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर.के. तिवारी और आभार प्रगट प्रो. एम. ए. आलम ने किया।
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