RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की सोमवार को मॉनेटिरी पॉलिसी बैठक होने जा रही है. आरबीआई की यह बैठक 5 से 7 दिसंबर तक चलेगी. सभी की निगाहें आरबीआई द्वारा की जाने वाली प्रमुख दरों में बढ़ोतरी पर हैं. क्योंकि मुद्रास्फीति अभी भी 6 प्रतिशत के लक्ष्य बैंड से ऊपर है, जिसके कारण केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा कर सकता है.
रिजर्व बैंक मंहगाई पर काबू करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. हालांकि मंहगाई दर में गिरावट जरूर आई हैं. लेकिन मंहगाई दर अभी भी रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य से उपर बनी हुई है. गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में खुदरा मंहगाई दर 6.77 फीसदी रही थी, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने रिटेल इन्फ्लेशन को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया हुआ है.
रेपो रेट में 25 से 35 बीपीएस की हो सकती है वृद्धि
आरबीआई बैंक ब्याज दरों में 25 से 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी (100 बीपीएस=1 फीसदी) कर सकता है. यानि रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.25 से 0.35 फीसदी तक वृद्धि कर सकता है.
बुधवार को होगा फैसलों का ऐलान
बुधवार को मॉनेटिरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों का आरबीआई ऐलान करेगा. केंद्रीय बैंक इस बार रेपो रेट में बढ़ोतरी को लेकर नरमी का रूख अपना सकता है. क्योंकि मंहगाई दर घटी है और इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट हुई है. वहीं बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले पांच महीनों के भीतर रेपो रेट में जोरदार इजाफा किया था.
इस साल चार बार हुई रेपो रेट में बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए इस साल मई से सितंबर के बीच रेपो रेट में चार बार बढ़ोतरी की है. आरबीआई ने इस साल पहली बार रेपो रेट मई माह में बढ़ाया था. तब आरबीआई ने बिना किसी पूर्व सूचना के ही एमपीसी की बैठक बुलाकर रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.40 हो गया.
वहीं इसके अगले ही महीने जून में हुई एमपीसी की बैठक में केंद्रीय बैंक ने 0.50 फीसदी की वृद्धि कर दी. जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.90 हो गया. अगस्त माह में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में फिर 0.50 इजाफा किया, जिसके बाद ब्याज दर 5.40 पर पहुंच गया. सितंबर में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई और रेपो रेट 5.90 फीसदी तक पहुंच गया. मई से लेकर अबतक 1.90 फीसदी तक रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा चुकी है.
होम लोने से लेकर कार लोन होगा मंहगा
रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी का असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा. रेपो रेट बढ़ने से बैंक होम लोन (Home Loan) से लेकर कार लोन की ब्याज दरें मंहगी कर देंगे, जिससे लोगों की EMI बढ़ जाएगी. अगर ब्याज दर एक बार फिर से बढ़ती है, तो रेपो रेट से लिंक्ड लोन महंगे हो जाएंगे और आपकी EMI बढ़ जाएगी.
बता दें कि रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देता है.
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