एक किसान फसल उगाने के लिए कितनी मेहनत करता है यह बस एक किसान ही समझ सकता है। उसकी मेहनत का अंदाज़ा लगाना शायद ही हमारे बस में हो। लेकिन जब वह मेहनत बर्बाद हो तो तकलीफ बस उसे नहीं बल्कि उसके साथ साथ उसके परिवार और साथ ही किसान की फसल के नुकसान से पुरे देश को नुक्सान होता है। लेकिन यह बात सिर्फ इंसान समझ सकता है लेकिन प्रकृति की आपदाओं को रोकना और समझाना हमारे बस में नहीं है। इसी तरह आगरा के फतेहपुर सीकरी में बेमौसम हुई बरसात और ओले पड़ने से सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल खराब हो गई, बालियां खेतों में बिछ गई।
खेतों में भीगी रखी गेहूं की फसल का सूखने का इंतजार कर रहे किसानों पर मौसम एक बार फिर कहर बनकर टूट पड़ा। तेज आंधी, बारिश और ओलों की मार ने फसल को तहस नहस कर दिया। खेतों में रखे गेहूं के बंडल उड़ गए और पकी खड़ी फसल बिछ गई। दो घंटे चले मौसम के कहर ने किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी करदी है। 25 प्रतिशत फसल खेतों में कटी रखी है और 70 प्रतिशत फसल खेतों में तैयार खड़ी है।
आंधी के साथ आई तूफानी बारिश और ओलों ने खेतों में खड़ी फसल को बिछा दिया। समोगर में प्रधान लखेंद्र सिंह के खेत में रखा गेहूं उड़ गया। सलेमाबाद, श्यामों, लोधई, गुथला में फसल उड़कर दूसरे खेत में पहुंच गई। इसके साथ हरी मिर्च, जौ एवं अन्य फसलों पर भी उल्टा प्रभाव पड़ा है। गांव चौमा, सीकरी चार हिस्सा, रसूलपुर, पतसाल, जैनपुरा, सोनोठी, मेहमदपुर, सामरा, जाजौली, दाउदपुर, मंडी मिर्जा खा, उन्देरा समेत पूरे ब्लाक क्षेत्र में 50 प्रतिशत फसलों का नुकसान बताया जा रहा है।
एसडीएम अजित कुमार सिंह व तहसीलदार राजू कुमार के अनुसार राजस्व टीमें गांव-गांव जाकर नुक्सान की गिनती कर रही हैं। इसी के साथ आसपास के क्षेत्र में भी आंधी व ओलों के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने किसान की गेहूं की फसल को चौपट कर दिया। किसान हरिओम राजौरिया ने बताया कि उसने 25 बीघा गेहूं किये थे। शाम को आई आंधी और बारिश से खेत में पानी भरने के कारण गेहूं के सड़ने का खतरा हो गया है। अगर पानी जल्दी से जल्दी खेत में से नहीं सूखा तो गेहूं सड़ जाएगा।
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