वित्त वर्ष के पहले महीने से ही कृषि योजनाओं को चालू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार को 22 राज्यों के मुख्य सचिवों व कृषि सचिवों से सीधी बातचीत कर उन्हें ताकीद किया। सिंह ने उनसे हर हाल में अप्रैल में कृषि संबंधी सभी योजनाओं पर काम शुरू कर देने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी राज्यों के आला अफसरों से कहा कि योजनाओं को चालू करने के लिए जरूरी धन की मांग तत्काल करें।
आगामी वित्त वर्ष 2018-19 में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटित बजट को हर हाल में अप्रैल से जारी करना शुरू कर दिया जाएगा। पहले यह यह काम जुलाई में शुरू हो पाता था। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछड़े उन राज्यों को चेतावनी भी दी, जिन्होंने वर्ष 2017-18 के लिए विभिन्न योजनाओं के बाबत दूसरी किश्त की मांग तक नहीं की है। हालांकि सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कृषि विभाग के आला अफसरों को एक अंतिम मौका भी दिया। उन्होंने कहा कि जो राज्य अगले दो दिनों के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र भेज देंगे, उन्हें दूसरी किश्त तत्काल जारी कर दी जाएगी।
सिंह ने बताया कि आगामी वित्त वर्ष की योजनाओं को समय रहते चालू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पिछली सरकारों के दौरान बजटीय आवंटन की राशि जुलाई महीने तक राज्यों को मिल पाती थी। इसके चलते कार्य योजनाओं पर अमल देर से होता थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा, बल्कि जिन राज्यों की ओर से कार्य योजना 15 अप्रैल तक जमा करा दी जाएगी, उन्हें तत्काल पहली किश्त जारी हो जाएगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में सिंह ने राज्यों से पशुधन और डेयरी क्षेत्र को प्रमुखता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने में कृषि क्षेत्र के साथ पशुधन व डेयरी अहम साबित होगा। इसलिए सभी राज्यों से कहा कि डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार ने बड़ी धनराशि का बंदोबस्त किया है, जिसका उपयोग पशुधन व डेयरी क्षेत्र में किया जाना है। इसी क्षेत्र के बलबूते कृषि क्षेत्र की विकास दर को बढ़ाने में मदद भी मिल सकती है।
कृषि मंत्री सिंह ने विभिन्न राज्यों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी भी मांगी, ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सके। राज्यों से मिले सुझावों के आधार पर सिंह ने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया।
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