एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने भारत के डेयरी व्यवसाय को ढाई गुना बढ़ाकर 30 ट्रिलियन (लगभग 30 लाख करोड़ रुपए) करने का अनुमान लगाया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने डेयरी सेक्टर को अग्रणी विश्व अर्थव्यवस्थाओं में भारत को आगे बढ़ाने का वादा किया था.एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा, 'भारतीय डेयरी कारोबार का मौजूदा मूल्य 13 लाख करोड़ रुपए के करीब है. हम उम्मीद करते हैं कि अगले पांच वर्षों में यह मूल्य दोगुना से अधिक हो जाएगा और 2027 तक 30 ट्रिलियन रुपए के करीब तक पहुंच जाएगा.
आईडीएफ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन 2022 में डेयरी उद्योग के सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय मछली और पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि डेयरी व्यवसाय के हितधारकों को इस क्षेत्र को उच्च स्तर तक ले जाने में मदद करने के लिए देश में एक मजबूत संगठन की स्थापना करनी पड़ेगी.
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रूपाला ने इस सम्मलेन में कहा “हम सभी जानते हैं कि डेयरी सेक्टर ने भारत को दुनिया में डेयरी पावर हाउस के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सरकार राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि देश डेयरी उत्पादन में और अधिक लाभ पाना चाहता है,”
इस सम्मेलन में लगभग 50 देशों के प्रमुख वैश्विक एजेंसियों जैसे आईडीएफ, एफएओ, यूरोपीय संघ, आदि के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ कई प्रभावशाली प्रतिनिथियां भी शामिल हैं.
शाह के अनुसार, जब डेयरी सेक्टर में औसतन 15 फीसदी का विकास होगा, तब इसका सीधा असर कुछ मूल्य वृद्धि वाले जैसे आर्गेनिक दूध, पनीर, फ्लेवर्ड दूध, लस्सी, आदि में 20 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि होगी. उन्होंने कहा, "इन उत्पादों को आने वाले वर्षों में भारतीय डेयरी सेक्टर के विकास में तेजी के लिए तैयार किया गया है ."
अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने भी भारतीय डेयरी क्षेत्र को आने वाले दशक में वैश्विक स्तर पर भारी लाभ अर्जित करने का अनुमान लगाया. “वर्तमान में, हम दुनिया के कुल उत्पादन का 23 प्रतिशत उत्पादन कर रहे हैं और 2045 तक, यह उत्पादन 47 प्रतिशत तक बढ़ सकता है,”.
रूपाला ने कहा,"मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि देश में अब खाद्य नीतियों का एक सेट है जो डेयरी और अन्य खाद्य उत्पादों में दुनिया के मानकों से मिलता जुलता है . हमारे पास एफएसएसएआई जैसा खाद्य नियामक है जो परिवर्तनकारी नियमों को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है,". रूपाला ने कहा, सरकार न केवल उत्पादन को बढ़ाने में हितधारकों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि उपभोक्ताओं को पौष्टिक डेयरी उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक मानकों के नियमों को भी लागू करेगी.
कृषि के यूरोपीय संघ के आयुक्त जानु वाचोवस्की ने कहा,"इस सम्मेलन के उद्घाटन के दिन दुनिया के डेयरी विशेषज्ञों ने भी भाग लिया, जिन्होंने कोरोना के बाद सामने आने वाली नई चुनौतियों पर भी बात की. “वैश्विक डेयरी उद्योग के लिए हाल के वर्षों में दो प्रमुख चुनौतियाँ सामने आई, कुछ देशों में पशु रोग से संबंधित हैं, जो उनके पशु बल और मुद्रास्फीति को प्रभावित किया और डेयरी बिसनेस की भी कम किया. वैश्विक हितधारकों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ आने की जरूरत है, जो आने वाली चुनौतियों को कुछ हद कम करेगी," .
1974 में भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय डेयरी कांग्रेस की मेजबानी के 48 साल बाद आयोजित होने वाले सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जिनके साथ केंद्रीय मछली, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, और उत्तर प्रदेश के मंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख थे.
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