पंजाब में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के प्रफुल्लित होने के लिए भरपूर संभावनाएं हैं। इसको लेकर सरकार भी अग्रसर है। सरकार नई उद्योग एवं व्यापार विकास नीति में फूड प्रोसेसिंग को विशेष तरजीह दे रहा है। यही कारण है कि पंजाब सरकार ने दिल्ली में औद्योगिक और कॉर्पोरेट संस्थानों एवं कंपनियों के साथ लगभग 3000 करोड़ रुपए के 36 समझौते किये गए हैं। इस मौके पर पंजाब के बिजली एवं सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह भी मौजूद रहे। कैबिनेट मंत्री यहां चल रहे वल्र्ड फूड इंडिया -2017 में मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए पहुंचे थे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक और व्यापारिक विकास नीति -2017 में फूड प्रासैसिंग को विशेष तरजीह क्षेत्र में रखा गया है। इसके विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा सस्ती बिजली, वस्तु और सेवा कर के राज्य के हिस्से से छूट, जमीन की खरीद के लिए स्टैंप ड्यूटी से छूट, जायदाद कर से छूट, सी.एल.यू से छूट, कृषि उत्पादों की खरीद पर लगने वाले करों और फीस से छूट जैसी रियायतें दी जा रही हैं।
पंजाब में 4 मेगा फूड पार्कों और 17 कोल्ड चेनों के प्रोजेक्ट चालू एवं मुकम्मल होने से फूड प्रोसैसिंग उद्योग के राज्य में विकास के लिए उत्तम किस्म का बुनियादी ढांचा तैयार हो जायेगा। उन्होंनें कहा कि पंजाब कृषि अधारित राज्य होने के कारण इसके पास फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने का सामथ्र्य पहले ही मौजूद है।
उन्होंने बताया कि फूड प्रोसेसिंग उद्योग क्षेत्र के विकास के लिए निवेश को उत्साहित करने के लिए करवाए जा रहे इस विश्व स्तरीय समागम में पंजाब ने प्रमुखता से भाग लिया। इस दौरान समझौते सहीबद्ध करने संबंधी रचनात्मक प्रौत्साहन मिल रहा है जिसके अनुमान अनुसार इस निवेश की 3500 करोड़ रुपए तक जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस निवेश से पंजाब में 11000 नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही राज्य में बागवानी यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए घोषणा कर चुके हैं, जिसके स्थापित होने से खाद्य प्रौसेसिंग उद्योग के विकास के लिए और बढिय़ा वातावरण का निर्माण किया जा सकेगा।
पंजाब सरकार द्वारा राज्य में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश को प्रौत्साहन देने के उद्देश्य से दी गई प्रस्तुति को देखने के लिए लगभग 300 बड़े और नामी औद्योगिक और व्यापारिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनके द्वारा पंजाब में फूड प्रासैसिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए रचनात्मक सहमति प्रकट की गई।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग उद्योग के लिए ज़रुरी कच्चे माल की पंजाब में बहुतायत है और कृषि प्रधान राज्य होने के कारण बड़ी कंपनियां यहां अपने यूनिट स्थापित करने के लिए आगे आयें। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना के लिए पंजाब सरकार द्वारा बहुत सी रियायतें और सुविधाएं दी जा रही हैं।
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