पंजाब सरकार के कृषि विभाग ने प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना शुरू करने के लिए राज्य के वित्त विभाग से 400 करोड़ रुपये की पेशकस की है. इसका उद्देश्य किसानों को होने वाले फसल नुकसान में बीमा कवर देना है.
केंद्र सरकार की प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना प्रमुख योजनाओं में से है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार इसे लागू करने की सोच रही है. इस बीमा योजना को तेलंगाना, गुजरात और बिहार जैसे राज्यों नें शुरु में इस योजना को अस्वीकार किया था लेकिन बाद में इन्होंने अपना लिया था.
केंद्र द्वारा आंशिक रूप से प्रायोजित इस योजना को 2016 में देश भर में लॉन्च किया गया था, लेकिन पंजाब में तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था कि इसके पैरामीटर राज्य के किसानों के लिए उपयुक्त नहीं हैं. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य स्तरीय फसल बीमा योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा पर उसे पर कभी अमल नहीं हो सका था.
योजना को अपनाने के कारण
पिछले दो सत्रों में फसल को होने वाले नुकसान और किसानों को मुआवजा देने के कारण राज्य सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ने लगा, जिसके परिणामस्वरुप आप सरकार को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना को लागू करना पड़ रहा है. इस योजना में किसान बीमित राशि के कुछ हिस्से का प्रीमियम चुकाते हैं और इसका शेष प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार के बीच साझा किया जाता है.
2024 रबी सीजन की बुआई की समय सीमा शुरू
पंजाब सरकार ने योजना को 2024 मे रबी के मौसम अक्टूबर से नवंबर के बीच शुरु करने का निर्धारण किया है. ऐसे में मुख्यमंत्री भगवंत मान, कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और मुख्य सचिव वीके जंजुआ सहित राज्य के शीर्ष पदाधिकारी ने आने वाले 27 फरवरी को योजना के कार्यान्वयन को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करने वाले हैं.
धालीवाल ने कहा, ‘कृषि विभाग ने वित्त विभाग से 400 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए कहा है, ताकि योजना शुरू करने के लिए हमारे पास पर्याप्त धन उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस विशिष्ट योजना के लिए एक खाका जल्द ही तैयार करेगी.
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मुख्य सचिव जांजुआ ने कहा, ‘राज्य में बहुत अधिक फसलों की क्षति देखी जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा कपास को नुकसान हो रहा है. कपास का रकबा भी घटकर 10 लाख से 2.5 लाख हेक्टेयर रह गया है. हमारी सरकार किसानों की फसल का बीमा कराकर उनका समर्थन करना चाहती है.
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