पहले लॉकडाउन और उसके बाद श्रमिकों के अभाव से जूट मिलों में उत्पादन प्रभावित हुआ था.अब जब अनलॉक के दौर में व्यवसायिक गतिविधयां तेज हुई है तो चटकलों में कच्चा जूट का अभाव पैदा हो गया है.इस कारण अधिकांश जूट मिलों में उत्पादन प्रभावित होने लगा है.कच्चा जूट की कमी के कारण उसकी कीमतें भी बढ़ गई है.खरीफ की उपज की पैकिजिंग के लिए केंद्र सरकार ने जूट मिल मालिकों को पर्याप्त जूट का बैग तैयार करने का निर्देश दिया है.लेकिन किसी न किसी कारण जूट मिलों के समक्ष उत्पादन बढ़ाने में रुकवटें पैदा हो रही है.
लॉकडाउन के कारण पहले श्रमिकों के अभाव से जूट मिलों को जूझना पड़ा.बाद में जब श्रमिक काम पर लौटने लगे तो कच्चा जूट का अभाव दिखने लगा.स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जूट आयुक्त ने मिल मालिकों को कच्चा जूट उपलब्ध कराने के लिए कारगर कदम उठाए है.जूट आयुक्त ने जूट व्यवसायियों के लिए 1500 क्विंटल से अधिक कच्चा जूट गोदाम में रखने पर रोक लगा दी है.जूट आयुक्त कार्यालय से जारी विज्ञिप्ति में इससे अधिक कच्चा जूट गोदाम में होने पर उसे तुरंत बिक्री करने को कहा गया है.कारखानों में अधिक से अधिक कच्चा जूट की आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए ही जूट आयुक्त ने गोदाम में इसे जमा रखने की सीमा 1500 क्विंटल निर्धारित कर दी है.
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक खुले बाजार में कच्चा जूट का दाम बढ़ने को लेकर मिल मालिकों ने शिकायत की थी.उनका कहना था कि अगस्त माह में कच्चा जूट की कीमतों में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.जाहिर है कच्चा जूट की सीमा निर्धारित कर देने से जमाखोरी पर रोक लग जाएगी.इससे बाजार में कच्चा जूट की उपलब्धता बढ़ेगी और जूट मिलों में कच्चे माल की आपूर्ति स्वाभाविक रूप से होगी.लेकिन जूट आयुक्त के इस कदम से पश्चिम बंगाल के जूट व्यवसायी क्षुब्ध हैं.
जूट बेलर्स एसोसिएशन ने कच्चा जूट जमा करने की जो सीमा निर्धारित की गई है उसे हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.उनका कहना है कि इस वर्ष चक्रवाती तूफान अंफान और अति वृष्टि के कारण जूट की पैदाववर कम हुई है.कच्चा जूट के उत्पादन में 25-30 प्रतिशत गिरावट आई है.मांग की तुलना में कच्चा जूट का उत्पादन कम होने के कारण ही बाजार में इसकी कीमतें बढ़ी है.कच्चा जूट जमा करने की सीमा निर्धारित कर देने से व्यवसायी किसानों से अधिक जूट नहीं खरीद पाएंगे.इससे जूट किसान भी अपनी फसल का दाम पाने से वंचित होंगे.
बाजार में जूट का बीज छोड़ने का निर्णय
उल्लेखनीय है कि उच्च गुणवत्ता वाले कच्चा जूट पैदा करने के लिए सरकार ने खुले बाजार में जूट का बीज छोड़ने का निर्णय किया है.भारतीय जूट निगम खुले बाजार में 1000 टन उच्च गुणवत्ता वाले परिस्कृत बीज खुले बाजार में छोड़ेगा.लेकिन इसका लाभ अगले मौसम में मिलेगा.उच्च गुणवत्ता वाले बीज से प्रति हेक्टेयर जूट का उत्पादन बढ़कर 30-32 क्विंटल होगा.लेकिन अभी कच्चा जूट का अभाव दूर करने के का कोई कारगर उपाय नहीं है.जूट आयुक्त ने गोदामों में कच्चा जूट जमा करने के लिए जो सीमा निर्धारित की है उससे कोई खास फायदा नहीं होगा.विशेषज्ञों के मुताबिक जब इस बार कच्चा जूट का उत्पादन ही कम हुआ है तो उसकी भरपाई नहीं हो सकती.
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