केंद्र सरकार नई कृषि निर्यात नीति लाने की तैयारी कर रही है| इसके जरिए दालों के साथ साथ चावल, शक्कर और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जाएगा| वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय नई कृषि नीति पर काम कर रहा है कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए नई कृषि निर्यात नीति जल्द ही जारी की जाएगी |नई निर्यात नीति पर चर्चा के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र से जुड़े निर्यातकों के साथ ही प्रोसेसर्स की बैठक बुलाई थी इस बैठक में दाल चावल और शक्कर के निर्यात को बढ़ाने के लिए निर्यातकों की मदद मांगी है दाल निर्यातकों ने केंद्र सरकार से दलहन के निर्यात पर 15 फिसदी इंसेंटिव देने की मांग की है
केंद्र सरकार पहले ही दलहन निर्यात पर पाबन्दी हटा चुकी है लेकिन अंतराष्ट्रीय बाजार में भाव काम होने के कारण दालों का निर्यात उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पा रहा है वित् वर्ष 2018-19 के पहले चार महीनों के दौरान कूल 1.24 लाख टन दालों का निर्यात हुआ, जो पिछले वित् वर्ष की सामान अवधि में ज्यादा है |पिछले साल भारत से 127.04 लाख टन चावल का निर्यात हुआ जिसमें40.56 लाख टन बासमती चावल है इस साल अच्छा उत्पादन होने से चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है|
अन्य कृषि उत्पादों में ग्वार गम, मूंगफली, गेंहू, मक्का, सरसो आदि के निर्यात बढ़ाने की सम्भावना है| इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने निर्यात की वस्तुओं के क्वालिटी मानदंडों को सख्त बनाने की मांग की है,ताकि निर्यात बढ़ाने में मदद मिले|
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