जिले में आलू की बंपर पैदावार होने के बावजूद किसान हताश एवं निराश है। किसानों को आलू का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। किसान मिट्टी के भाव पर आलू बेचने को विवश हैं। जिले में 500 हेक्टेयर भूमि में आलू बोया जाता है। इनमें थाना भवन क्षेत्र में सबसे ज्यादा आलू बोया जाता है। यहां के किसान करीब 230 क्विंटल प्रति हेक्टेयर में आलू का उत्पादन करतेहैं। किसानों का मानना है कि यही स्थिति रही तो परिवार का गुजर बसर करना कठिन हो जाएगा। किसान कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे।
पिछले 15 दिनों से जिले में शामली मंडी में नए आलू की आवक शुरू हो गई है। मंडी में प्रतिदिन 250 - 300 से कट्टे की आलू की आमद हो रही है। शामली मंडी में पिछले साल 300 से लेकर 350 क्विंटल आलू बिक रहा था। इस बार आलू का भाव 400 से लेकर 500 रुपये प्रति क्विंटल है।
पिछले साल की अपेक्षा इस साल भी आलू के अच्छे भाव किसानों को नहीं मिल रहे हैं। मंडी आढ़ती बाबूराम सैनी व राजीव सैनी का कहना है कि मंडी में आलू चार से लेकर पांच रुपये प्रति किलो फुटकर विक्रेताओं को बेचा जा रहा है। बाजार में खुले में फुटकर विक्रेता आठ रुपये किलो बेच रहे हैं।
फुटकर विक्रेता मंडी आढ़ती से दोगुना भाव पर आलू बेच रहे हैं। शहर के शिव चौक बाजार में आलू के फुटकर विक्रेता मोहन लाल सैनी का कहना है कि शामली में 10-12 फुटकर विक्रेताओं की दुकान है। एक फुटकर विक्रेता प्रतिदिन 5-6 कट्टे आलू के बेच देता है। आठ रुपये प्रति किलो आलू खुले बाजार में बेचा जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी जगवीर सिंह ने बताया कि नया आलू की खुदाई शुरू हो गई है। 15 फरवरी के बाद बीज के आलू व कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए खुदाई शुरू होगी।
लागत 7500 रुपये प्रति बीघा
125 बीघा आलू बोने वाले शामली के माजरा रोड निवासी प्रगति शील किसान सूरजपाल व उदित निर्वाल का कहना कि एक बीघा के खेत में आलू की बुआई, बीज, जुताई, दवाई, पानी, खाद खुदाई मजदूरी ट्रांसपोर्ट व बोरी मिलाकर 7500 रुपये लागत आई है, जबकि एक बीघा आलू में 22 बीघा आलू की पैदावार हुई है। उन्होंने बताया कि इस बार आलू की 480 रुपये प्रति क्विंटल मंडी में बिक रहा है। एक बीघा आलू की खुदाई के बाद प्रति क्विंटल 10, 560 रुपये की आय हुई। आलू की फसल का अच्छा भाव नहीं मिलने से नो प्राफिट नो लॉस में किसान है।
भाव कम देखकर आलू की खुदाई बंद कराई
शामली शहर के राजो मोहल्ला निवासी आलू उत्पादक किसान सन्नी निर्वाल का कहना है कि इस बार बंपर आलू की फसल है। मंडी में आलू की फसल का भाव कम होने से दो बीघा आलू की खुदाई बंद करा दिया है। रेट बढ़ने का उन्हें इंतजार है। फरवरी माह में बाजार भाव सुधरने पर आलू बेचा जाएगा।
अच्छे भाव का है इंतजार
जलालाबाद क्षेत्र में चार हजार बीघा में आलू की फसल बोई जाती है। अगले माह आलू की फसल तैयार होगी। किसानों के अनुसार खेतों में आलू की बंपर फसल खड़ी हुई है। आलू उत्पादक किसान हाजी साजिद अहमद,नौशाद, बबलू व राकेश सेनी का कहना है कि आलू की बुआई की किसानों की लागत 7-8 हजार रुपये प्रति बीघा आ रही है, जिसमें 3200 बीघा आलू बीज, देशी खाद, पोटाश, डाई, यूरिया, दवाई-खुदाई व सिंचाई हेतु पानी की लागत आती है। जलालाबाद क्षेत्र में आलू की फसल फरवरी माह में खुदाई के लिए तैयार होगी।
खाली पड़े शामली के कोल्ड स्टोर
शामली शहर में आलू के छह कोल्ड स्टोरेज हैं, जिनमें ढाई लाख कट्टे आलू के प्रति वर्ष कोल्ड स्टोरेज में मार्च से लेकर अक्तूबर तक रखते हैं। इस बार आलू के सभी कोल्ड स्टोरेज खाली पड़े हुए हैं। जनता कोल्ड स्टोरेज के प्रबंधक रमेश मराठा का कहना है कि पिछले दो-तीन सालों से आलू का कम भाव मिलने से किसान कोल्ड स्टोरेज में आलू रखवाने के लिए बुक कराने के लिए नहीं आ रहा है। कोल्ड स्टोरेज में फरवरी माह से लेकर मार्च तक आलू रखा जाता है। किसान आलू की बुकिंग कराने के लिए पहले शुरू हो जाते हैं।
आलू का क्षेत्रफल
जनपद-क्षेत्रफल हेक्टेयर-उत्पादकता प्रति क्विंटल
1 शामली- 500 हेक्टेयर भूमि- 230 क्विंटल
2 सहारनपुर- 600 हेक्टेयर भूमि
3 मुजफ़्फरनगर- 2200 हेक्टेयर भूमि
आलू की लागत प्रति बीघा
1 आलू का बीज- 2200 रुपये प्रति बीघा।
2 बुआई- 500 रुपये
3 जुताई- 700 रुपये
4 दवाई- 600 रुपये
5 पानी- 200 रुपये
6 खाद- 500 रुपये
7 खुदाई मजदूरी- 500 रुपये
8 ट्रांसपोर्ट- 500 रुपये
9 बोरी- 200 रुपये
साभार
अमर उजाला
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