भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. हज़ारों संख्या में किसान कर्जमाफी तथा अन्य मुद्दों को लेकर यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली की सीमा पर ही रोक लिया जिसका विरोध करते हुए किसानों ने यूपी गेट पर कब्जा कर लिया और " जय जवान जय किसान" के नारे भी लगाए. किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स पर ट्रालली- ट्रेक्टर चढ़ा दिया, इस पर पुलिस ने पहले उन पर पानी की बौछार की और इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो आंसू गैस के गोले भी दागे.
वहीं देखते- देखते किसानों किसानों के प्रदर्शन ने उग्र रुप ले लिया जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आईं. किसानों का यह यात्रा कर्ज माफी और बिजली बिल के दाम कम करने जैसी मांगों को लेकर 23 सितंबर को क्रांति यात्रा हरिद्वार से शुरू की थी, जिसके बाद यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से होते हुए सोमवार को गाज़ियाबाद तक पहुंची थी. किसान दिल्ली में दाखिल होने के लिए काफी देर तक अड़े रहे और वह दिल्ली में गांधी दिवस के मौके पर राजघाट से
संसद तक मार्च निकालना चाहते थे.
किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि केंद्र में मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों के साथ वार्ता करने में विफल रही है जिसके कारण किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा. वहीं दिल्ली के मयूर विहार, न्यू अशोक नगर, गाजीपुर, प्रीत विहार, पांडव नगर, शकरपुर, मधु विहार, जगतपुरी, मंडावली, कल्याणपुरी थाने जैसे इलाकों में धारा 144 लगाई गई है.
किसानों के द्वारा आंदोलन की खबर फैलने के बाद राजनितीक पार्टीयां भी सक्रिय हो गईं और इस मुद्दे पर जमकर सियासत चमकी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं के साथ अपने आवास पर मुलाकात और बैठक की और इस बैठक में कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि किसानों की ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है और किसानों के जनप्रतिनिधियों से इस बारे में चर्चा की जाएगी.
कृषि जागरण डेस्क
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