प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दुबई में भंडारण सुविधा के लिए 'भारत मार्ट' को लॉन्च किया है. इस दौरान समारोह में पीएम मोदी के साथ संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री और दुबाई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम भी मौजूद रहे. साथ ही पीएम मोदी की इस दुबाई यात्रा में दूसरे दिन विश्व सरकार शिखर सम्मेलन को भी संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मुक्त व्यापार क्षेत्र में डीपी वर्ल्ड द्वारा बनाए जाने वाले भारत मार्ट का आय यानी 14 फरवरी, 2024 के दिन शिलान्यास किया.
बता दें कि भारत मार्ट जेबेल अली पोर्ट की रणनीतिक स्थिति और लॉजिस्टिक्स मजबूती का लाभ उठाकर भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार को और भी आगे बढ़ाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मार्ट में भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्रों को खाड़ी, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरेशिया में अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने का प्रभावी मंच प्रदान करके उनके निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता मौजूद है.
भारत मार्ट की सुविधाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में लॉन्च किए भारत मार्ट में कई तरह की सुविधाएं प्राप्त होगी. जैसे कि- भारत मार्ट में खुदरा शोरूम, गोदाम, कार्यालय और अन्य कई सुविधाएं भी शामिल होंगी. बताया जा रहा है कि इस भारत मार्ट की देख-रेख डीपी वर्ल्ड के द्वारा की जाएगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत मार्ट चीन के ड्रैगन मार्ट को टक्कर देगा. इस भारत मार्ट का उत्पादन ड्रैगन मार्ट के साथ एक ही छत के नीचे होगा.
वैश्विक सभा में 120 से अधिक देशों की सरकारों के प्रतिनिधि हुई शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी 2024 को दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया. वे संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और दुबई के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में गए है. प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में - "भविष्य की सरकारों को आकार देना" विषय पर मुख्य भाषण दिया. प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया था. इस बार शिखर सम्मेलन में 20 वैश्विक नेताओं की भागीदारी रही इनमें 10 राष्ट्रपति और 10 प्रधानमंत्री शामिल हैं. वैश्विक सभा में 120 से अधिक देशों की सरकारों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने शासन के बदलते स्वरूप पर अपने विचार साझा किये. उन्होंने "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" के मंत्र पर आधारित भारत के परिवर्तनकारी सुधारों पर प्रकाश डाला. उन्होंने भारतीय अनुभव को साझा करते हुए बताया कि देश ने कल्याण, समावेशिता और स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ कैसे उठाया, उन्होंने शासन के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का आह्वान किया. उन्होंने एक समावेशी समाज का लक्ष्य हासिल करने के लिए जन-भागीदारी, अंतिम व्यक्ति तक सुविधाओं की पंहुच और महिलाओं के नेतृत्व पर आधारित विकास पर भारत के फोकस को रेखांकित किया.
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प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि विश्व की परस्पर जुड़ाव की प्रकृति को देखते हुए, सरकारों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग करना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शासन का समावेशी, तकनीकी-स्मार्ट, स्वच्छ, पारदर्शी और हरित पर्यावरण को अपनाना समय की मांग है. इस संदर्भ में, उन्होंने बलपूर्वक कहा कि सरकारों को सार्वजनिक सेवा के प्रति अपने दृष्टिकोण में जीवन में सरलता, न्याय में आसानी, गतिशीलता में आसानी, नवाचार में आसानी और व्यापार करने में आसानी को प्राथमिकता देनी चाहिए. जलवायु परिवर्तन कार्रवाई के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे एक टिकाऊ दुनिया के निर्माण के लिए मिशन लाईफ (पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली) में शामिल हो.
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