आने वाला बजट छोटे व्यापारियों एवं किसानों को केंद्र में रखकर बनाया जा सकता है. इस बात का संकेत खुद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक बयान में दे दिया है. बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले पीएम मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार 2020 में एक नहीं, कई आर्थिक पैकेज की घोषणा हुई. एक तरह से देखा जाए तो 2020 में कई तरह के मिनी बजट लाए गए जो किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित हुए. इसी तरह 2021 का यह बजट भी चार-पांच मिनी बजटों का हिस्सा ही होगा.
नए दशक का नया बजट
देश की उज्जवल भविष्य की बात करते हुए मोदी ने कहा कि नए दशक की शुरूवात हो चुकी है, इसलिए इस बजट का महत्व आम नहीं बहुत खास होगा, जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में सहायक होगा.
कृषि और छोटे उद्योगों पर फोकस
पीएम मोदी के भाषण के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि बजट में सरकार कृषि सुधारों के लिए खास कदम उठाएगी. इस बात के संकेत खुद सरकार ने भी बजट सत्र के पहले दिन दे दिया है. ध्यान रहे कि चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों पर बल दिया गया है.
आर्थिक सर्वेक्षण में कृषि पर जोर
पीएम मोदी के भाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण के उस रिपोर्ट को भी देखा जा सकता है, जिसमें कृषि को रोजगार एवं आजीविका के उत्तम श्रोत के रूप में देखा गया है. रिपोर्ट में उच्च पैदावार वाले बीजों के उपयोग, बीज प्रजातियों को बदलने की जरूरत और बीजों की जांच से उत्पादकता को बढ़ाने के तरीको का जिक्र किया गया है.
इन क्षेत्रों में लिए जा सकते हैं बड़े फैसले
मार्केट विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार कृषि क्षेत्र में पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी और पोल्ट्री उद्योग में बड़े कदम उठा सकती है. इसके साथ ही बागवानी समेत अन्य कृषि उपज व अन्य उत्पादों की मार्केटिंग के लिए अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
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