मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकट की घड़ी में तमाम राजनीतिक मतभेदों को भूलाकर प्रधानमंत्री से राज्य के तूफानग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने का अनुरोध किया था. प्रधानमंत्री भी ने भी तूफान पीड़ित लोगों की हालत जानने और स्थिति का जायजा के लिए कोलकाता पहुंचने में कोई विलंब नहीं किया. वह शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे एयर इंडिया के विमान से कोलकाता के नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष, सांसद लाकेट चटर्जी और मुकुल राय समेत भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए उपस्थित थे.
एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री राज्य के तूफानग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के लिए हेलीकाप्टर में उठे. उनके साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हेलीकाप्टर में सवार थीं. प्रधानमंत्री ने राज्य के तूफानग्रस्त क्षेत्रों विशेषकर तटवर्ती जिला दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के कुछ विशेष इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उसके बाद उन्होंने उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में मुख्यमंत्री के साथ प्रशासनिक बैठक की जिसमें तक्रवाती तूफान ‘अंफान’ से राज्य में हुई क्षति की समीक्षा की गई. बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल को तत्काल राहत पहुंचने के लिए अग्रिम 1000 करोड़ रुपए की अंतरीम आर्थिक मदद देने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ हैं. उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को भी 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तूफान से प्रभावित लोगों की मदद के लिए तत्काल एक हजार रुपए मंजूर किए गए है. बंगाल में चक्रवाती तूफान से हुई संपूर्ण क्षति के आकलन करने के लिए जल्द ही एक केंद्रीय टीम आएगी. तूफानग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्वास, पुनर्गठन और राहत पर पूरा ध्यान दिया जाएगा.. प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में चक्रवाती तूफान से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर काम किया. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल में तूफान से बड़ा नुकसान हुआ. आपदा में 80 लोगों के काल के गाल में जाने से बचाया नहीं जा सका.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बंगाल के भाइयों और बहनों का आश्वस्त करते हैं कि दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ हैं. केंद्र पश्चिम बंगाल को राहत पहुंचाने में हर संभव मदद करेगा. वह चाहतें है कि बंगाल संकट से उबर कर फिर आगे बढ़े. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थिति के बीच ऐसी आपदा में प्रभावितों को सोसशल डिस्टैंस के साथ उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना होगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सरकार इस दिशा में बेहतर काम कर रही है. ऐसी कठीन परिस्थित में केंद्र बंगाल की जनता के साथ है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ प्रशासिनक बैठक में प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में तूफान से हुई क्षति का जायजा लिया और तूफान से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने व पुनर्वास व पुनर्गठन काम में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया. उसके बाद प्रधानमंत्री कोलकाता से से उड़िशा के लिए रवाना हो गए. ओडिंशा में भी वह तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जाया लेंगे.
उल्लेखनीय है कि चक्रवाती तूफान अंफान ने कोलकाता के आस-पास तटवर्ती क्षेत्रों में करीब 400 किलो मीटर क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है. विस्तृत क्षेत्र में फसलों का भारी नुकसान हुआ है और 80 लोगों की मौत हुई है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंफान से हुई तबाही में राज्य में करीब एक लाख करोड़ रुपए के नुकसान होने की बात कही है. हालांकि संपूर्ण क्षति पर अभी रिपोर्ट आनी बाकी है. मुख्यमंत्री ने अंफान से हुई क्षति के आकलन के लिए कृषि और पशु संसाधन समेत अन्य संबंधित विभागों वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर कमेटी गठित की है. तूफान से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम भी बंगाल के के दौरे पर आएगी.
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