PM Kisan 22nd Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक बेहद महत्वपूर्ण और लोकप्रिय योजना है, जिसे खासतौर पर देश के छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक मदद के उद्देश्य से शुरू किया गया था. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल कुल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे तीन बराबर किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है. यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है, ताकि किसी भी तरह की बिचौलिया व्यवस्था न रहे.
अब तक करोड़ों किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. 21वीं किस्त जारी होने के बाद अब किसान 22वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि यह राशि खेती-किसानी से जुड़े खर्चों में काफी मददगार साबित होती है.
फरवरी में आ सकती है 22वीं किस्त
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 22वीं किस्त फरवरी महीने में जारी की जा सकती है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पिछली किस्तों के पैटर्न को देखा जाए तो संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी फरवरी में ही किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी.
आमतौर पर सरकार हर चार महीने में एक किस्त जारी करती है और इसी क्रम को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 22वीं किस्त भी तय समय के आसपास जारी हो सकती है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे समय रहते सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर लें, ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
ई-केवाईसी न होने पर अटक सकती है किस्त
पीएम किसान योजना का लाभ बिना किसी रुकावट के पाने के लिए ई-केवाईसी कराना सबसे जरूरी शर्तों में से एक है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन किसानों की ई-केवाईसी पूरी नहीं होगी, उनकी अगली किस्त रोक दी जाएगी. ई-केवाईसी की प्रक्रिया अब काफी सरल कर दी गई है. किसान पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर ओटीपी के जरिए आसानी से ई-केवाईसी पूरी कर सकते हैं.
इसके अलावा जिन किसानों को ऑनलाइन प्रक्रिया में परेशानी होती है, वे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं.
आधार से बैंक खाता लिंक होना अनिवार्य
ई-केवाईसी के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि किसान का बैंक खाता आधार से सही तरीके से लिंक हो. कई मामलों में यह देखा गया है कि किसानों का खाता आधार से लिंक न होने या डीबीटी सुविधा चालू न होने के कारण किस्त की राशि खाते में नहीं पहुंच पाती.
गलत जानकारी बन सकती है बड़ी बाधा
पीएम किसान योजना में आवेदन करते समय दर्ज की गई गलत जानकारी भी किस्त अटकने का एक बड़ा कारण बन सकती है. कई बार किसानों के नाम की स्पेलिंग, आधार नंबर, बैंक खाता संख्या या भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी जानकारी में छोटी-सी गलती भी भुगतान को रोक सकती है. ऐसे मामलों में किसान यह सोचते रह जाते हैं कि किस्त क्यों नहीं आई, जबकि समस्या केवल गलत डेटा की होती है.
इसलिए किसानों को अपनी आवेदन डिटेल्स को एक बार फिर से जांच लेना चाहिए और अगर कोई गलती नजर आती है तो उसे तुरंत सुधार कराना चाहिए. सुधार की सुविधा भी पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध है.
भूमि रिकॉर्ड का सही होना भी जरूरी
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है, जिनके नाम पर कृषि भूमि दर्ज है. कई राज्यों में भूमि रिकॉर्ड के डिजिटल अपडेट न होने या नामांतरण की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण भी किसानों की किस्त अटक जाती है.
ऐसे में किसानों को अपने स्थानीय राजस्व कार्यालय या संबंधित विभाग से संपर्क करके यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका भूमि रिकॉर्ड सही और अपडेटेड है. भूमि रिकॉर्ड और पीएम किसान डेटा में कोई भी असमानता होने पर भुगतान रोका जा सकता है.
किस्त का स्टेटस ऐसे करें चेक
किसान अपनी किस्त की स्थिति आसानी से ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर Beneficiary Status सेक्शन में जाना होगा. यहां आधार नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालने के बाद किसान यह देख सकते हैं कि उनकी किस्त जारी हुई है या नहीं, और अगर नहीं हुई है तो उसका कारण क्या है.
इस सुविधा के जरिए किसान खुद ही अपनी समस्या का पता लगा सकते हैं और समय रहते उसका समाधान कर सकते हैं.
समय पर काम पूरा करना है जरूरी
अगर किसान चाहते हैं कि उन्हें पीएम किसान योजना की 22वीं किस्त बिना किसी परेशानी के मिल जाए, तो उन्हें ई-केवाईसी, आधार-बैंक लिंकिंग, सही जानकारी और भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी सभी जरूरी प्रक्रियाएं समय रहते पूरी कर लेनी चाहिए. थोड़ी-सी लापरवाही उनकी किस्त को रोक सकती है.
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