प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश के करोड़ों किसानों के लिए एक अहम आर्थिक सहारा बन चुकी है. केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को खेती से जुड़ी जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता देना है. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जो तीन बराबर किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं.
अब तक इस योजना की 21 किस्तें जारी की जा चुकी हैं और किसान 22वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, हर बार की तरह इस बार भी सभी किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. कुछ किसानों को 22वीं किस्त का पैसा मिलेगा, जबकि कुछ के हाथ खाली रह सकते हैं. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-
कब जारी हो सकती है पीएम किसान योजना की 22वीं किस्त?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्तें आमतौर पर हर चार महीने के अंतराल पर जारी की जाती हैं. पिछली यानी 21वीं किस्त के जारी होने के बाद अब चार महीने का समय लगभग पूरा हो चुका है. इसी आधार पर माना जा रहा है कि 22वीं किस्त फरवरी महीने में जारी की जा सकती है. हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है. जब तक केंद्र सरकार की तरफ से औपचारिक घोषणा नहीं होती, तब तक किस्त की तारीख को लेकर केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है.
ऐसे में किसान पीएम किसान पोर्टल पर समय-समय पर अपडेट चेक करते रहें ताकि किसी भी तरह की जानकारी छूट न जाए.
पात्र किसान ही ले पाएंगे 22वीं किस्त का लाभ
पीएम किसान योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जो इस योजना की पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं. योजना के तहत वही किसान लाभार्थी माने जाते हैं जिनके नाम पर खेती योग्य भूमि दर्ज है और जो आयकर दाता नहीं हैं. अगर कोई व्यक्ति पात्र नहीं है और फिर भी गलत दस्तावेजों या गलत जानकारी के आधार पर योजना में शामिल हो जाता है, तो ऐसे मामलों की जांच समय-समय पर की जाती है.
जांच के दौरान यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो उस किसान का नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया जाता है. इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर सरकार द्वारा गलत तरीके से ली गई राशि की रिकवरी भी की जा सकती है. इसलिए केवल वही किसान 22वीं किस्त का लाभ ले पाएंगे जो वास्तव में इस योजना के लिए पात्र हैं.
ई-केवाईसी नहीं कराने पर अटक सकती है किस्त
पीएम किसान योजना के तहत किस्त प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है. सरकार ने यह प्रक्रिया इसलिए शुरू की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ सही और वास्तविक किसानों तक ही पहुंचे. ई-केवाईसी के जरिए किसान की पहचान और बैंक खाते की जानकारी को सत्यापित किया जाता है. अगर किसी किसान ने अब तक अपनी ई-केवाईसी पूरी नहीं करवाई है, तो उसकी 22वीं किस्त अटक सकती है.
कई बार देखा गया है कि पात्र होने के बावजूद केवल ई-केवाईसी अधूरी रहने के कारण किसानों को किस्त का लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए समय रहते ई-केवाईसी कराना बेहद जरूरी है, ताकि भुगतान में कोई रुकावट न आए.
भू-सत्यापन न कराने से भी हो सकता है नुकसान
ई-केवाईसी के साथ-साथ भू-सत्यापन भी पीएम किसान योजना का एक अहम हिस्सा है. भू-सत्यापन के जरिए यह जांच की जाती है कि लाभार्थी किसान के पास वास्तव में खेती योग्य भूमि है या नहीं. इस प्रक्रिया में जमीन के रिकॉर्ड का मिलान किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि जमीन किसान के नाम पर ही दर्ज हो.
अगर किसी किसान ने भू-सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं करवाई है, तो उसे भी 22वीं किस्त का लाभ नहीं मिल सकता. कई राज्यों में यह प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है और इसके बिना भुगतान रोक दिया जाता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भू-सत्यापन की स्थिति जरूर जांच लें.
बैंक खाते से जुड़ी गड़बड़ियां भी बन सकती हैं बाधा
पीएम किसान योजना की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है. ऐसे में अगर बैंक खाते में कोई समस्या है, जैसे खाता बंद होना, आधार से लिंक न होना या गलत खाता संख्या दर्ज होना, तो किस्त का पैसा ट्रांसफर नहीं हो पाता. कई बार किसानों को लगता है कि वे पात्र हैं और सभी प्रक्रियाएं पूरी हैं, फिर भी पैसा नहीं आता. इसकी एक बड़ी वजह बैंक से जुड़ी तकनीकी या दस्तावेजी गड़बड़ियां होती हैं. इसलिए किसानों को अपने बैंक खाते की जानकारी सही और अपडेट रखना जरूरी है.
कैसे सुनिश्चित करें कि 22वीं किस्त मिले?
अगर किसान चाहते हैं कि उन्हें पीएम किसान योजना की 22वीं किस्त बिना किसी परेशानी के मिले, तो उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. सबसे पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे योजना की पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं. इसके बाद ई-केवाईसी, भू-सत्यापन और बैंक खाते से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी होनी चाहिए. पीएम किसान पोर्टल पर जाकर लाभार्थी स्थिति की जांच की जा सकती है, जिससे यह पता चल जाता है कि किस्त आने में कोई रुकावट तो नहीं है.
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