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दुनिया के इस अनोखे शहर के नीचे लोग करते हैं खेती...

लंदन का काल्फेसम स्ट्रीहट इलाका एक घनी आबादी और भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है। सड़कों पर लोगों और गाडि़यों का रेला हमेशा नजर आता है। ऊंची इमारतें बनी है और मेट्रो भी यहां दौड़ती है। क्या। आप सोच सकते हो कि यहां खेती भी हो रही हैॽ शायद आप इसकी कल्परना नहीं कर सकते। लेकिन यहां खेती हो रही है।

लंदन का काल्‍फेम स्‍ट्रीट इलाका एक घनी आबादी और भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है। सड़कों पर लोगों और गाडि़यों का रेला हमेशा नजर आता है। ऊंची इमारतें बनी है और मेट्रो भी यहां दौड़ती है। क्‍या आप सोच सकते हो कि यहां खेती भी हो रही हैॽ शायद आप इसकी कल्‍पना नहीं कर सकते। लेकिन यहां खेती हो रही है। यहां फसल जमीन के ऊपर नहीं बल्कि 100 फीट नीचे उगाई जा रही है। इस खेत के ऊपर एक भरा-पूरा शहर बसा है जो दिन रात दौड़ता है। 

सुरंग में हो रही है खेती

दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान लंदन में लोगों को हवाई हमलों की सूरत में सुरक्षित ठिकाना उपलब्‍ध कराने के लिए जमीन के नीचे सुरंगें बनाई गई थीं। इन सुरंगों तक लिफ्ट और सीढि़यों की मदद से जाया जाता है और ये जमीन में करीब 100 फीट नीचे हैं। शहर के नीचे बनी इन सुरंगों का इस्‍तेमाल काफी वक्‍त से नहीं हो रहा था। ये सुरंग सात हजार वर्ग फीट इलाके में हैं और आपात स्थिति में इसमें करीब 8 हजार लोग रह सकते हैं। इस सुरंग के ऊपर शहर बसा है।

सुरंग को बना डाला मॉर्डन फार्म

इस सुरंग का इस्‍तेमाल खेती के लिए करने का विचार दो दोस्‍तों स्‍टीवन ड्रिंग और रिचर्ड बैलार्ड को आया। दोनों ने मिलकर एक कंपनी बनाई ग्रोइंग अंडरग्राउंड (Growing underground)। इन सुरंगों का अवकलोकन करने के बाद इन दोनों ने यहां हाइड्रोपोनिक्‍स तकनीक (hydroponic systems) से खेती करने की सोची। इस तकनीक में पौधों को उगाने और बढ़ाने के लिए मिट्टी का इस्‍तेमाल नहीं किया जाता। पौधों को रोशनी देने के लिए एलईडी तकनीक (LED technology)का सहारा लिया गया।

 

ट्रे में होती है फसल

इस फार्म में फिलहाल 20 तरह की फसल उगाई जाती है। यहां औषधीय जड़ी बूंटियों, सलाद और मसालों की खेती होती है। यहां मुख्‍यत: सौंफ, धनिया, अदरक के पत्‍ते, सलाद में काम आने वाली लाल सरसों, गुलाबी मूली और सलाद पत्‍ता की खेती की जाती है। सुरंग की अंधेरी जगह पर पहले बीजों का अंकुरण कराया जाता है। इसके बाद इनको ट्रे में रखा जाता है और हाड्रो‍पोनिक्‍स तकनीक से इन्‍हें पोषक तत्‍व प्रदान किए जाते हैं।


ट्रे को रैक में एक-दूसरे के ऊपर रखा जाता है। पौधों को बढ़ने के लिए सूर्य की रोशनी बहुत आवश्‍यक होती है। 100 फीट नीचे सूर्य की रोशनी आ नहीं सकती। यहां पौधों को एलईडी तकनीक से रोशनी प्रदान की जाती है। यह एक ऐसी तकनीक है जो पौधों को सूर्य की प्राकृतिक रोशनी जैसी रोशनी प्रदान करती है। इसके रोशन से पौधे पोषक तत्‍व भी लेते हैं। 

बिना रासायनिक खाद दवाई दिए पूरे साल होती है खेती

ग्रोइंउ अंडरग्राउंड फार्म में कंट्रेाल्‍ड मौसम में पूरे साल खेती होती है। यहां वातावरण को मनमुताबिक निर्धारित किया जाता है। पर्यावरणीय घटनाओं का यहां कोई असर नहीं होता। बाहर भले ही आंधी चल रही हो या बारिश आ रही हो, उसका असर इस फार्म पर नहीं होता। यहां पर पूरी तरह जैविक खेती की जाती है। पौधों को कोई भी रासायनिक खाद या दवाई नहीं जाती है। 

चार घंटे में डिलीवरी

ग्रोइंग अंडरग्राउंड फार्म शहर के बीचों बीच है। यहां से सलाद आदि की कटाई करने के चार घंटे के अंदर ही ग्राहक तक पहुंचा दिया जाता है। यही कारण है कि लंदन के अब बड़े:बड़े रेस्‍तरां इस फार्म के ग्राहक बन गए हैं। फिलहाल इस फार्म में 60 किलो ताजे सलाद और औषधीय पत्तियों का उत्‍पादन होता है। ताजी और जहरमुक्‍त होने के कारण इनको बाजार भाव अच्‍छा मिलता है।

विडियो देखें...

English Summary: People are farming under this unique city of the world ... Published on: 22 January 2018, 12:28 AM IST

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