खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू 2022-23 खरीफ विपणन सत्र में अब तक सरकारी दुकानों पर धान की खरीद 12 प्रतिशत से बढ़कर 170.53 लाख टन पहुंच चुकी है. धान की बिक्री करने में पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु के किसान सबसे आगे हैं. सरकार का लक्ष्य चालू सत्र में 771.25 लाख टन धान की खरीद करना है. पिछले वर्ष सरकार ने रिकॉर्ड 759.32 लाख टन धान की खरीद की थी.
पंजाब के किसान धान बिक्री में सबसे आगे
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खरीफ विपणन सत्र में 31 अक्टूबर तक धान की खरीद 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 170.53 लाख टन हो गई है. पिछले वर्ष की अवधि तक धान की खरीद 152.57 लाख टन थी. इसमें सबसे अधिक पंजाब के किसानों ने 107.24 लाख टन धान की बिक्री की है. पिछले साल की अवधि तक पंजाब से कुल 99.12 लाख टन खरीद की गई थी. हरियाणा में एक साल पहले इसी अवधि तक 48.27 लाख टन धान की खरीद की गई थी. इस वर्ष राज्य से अब तक 52.26 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है. वहीं, तमिलनाडु में एक साल पहले इस अवधि तक 1.77 लाख टन धान की खरीद की गई थी, जो इस सत्र में बढ़कर 7.90 लाख टन पहुंच चुकी है.
धान की बिक्री में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के किसान पीछे हैं. पिछले वर्ष राज्य से इस अवधि तक 83.77 हजार टन धान की खरीद की गई थी. इस वर्ष यह घटकर 33.66 हजार टन रह गई है. उत्तराखंड से पिछले वर्ष पिछले साल 2.35 लाख टन की तुलना में 2.46 लाख टन धान की खरीद की गई है. जम्मू-कश्मीर से पिछले वर्ष 6.76 हजार के मुकाबले 11.17 हजार टन धान की खरीद की जा चुकी है. हिमाचल प्रदेश में एक साल पहले की अवधि तक धान की खरीद 7.37 हजार टन थी. इस सत्र में अब तक 6.11 हजार टन की खरीद की गई है.
खाद्य निगम करता है धान की खरीद
धान की खरीद भारतीय खाद्य निगम (FCI) और प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा की जाती है. धान किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है. धान की फसल भारत में खरीफ और रबी दोनों सीजन में की जाती है. हालांकि कुल धान उत्पादन का 80 फीसद खरीफ के सीजन से ही प्राप्त होता है.
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