हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी कॉलेज की ओर से काजलहेड़ी गांव के सरकारी स्कूल में तकनीकी एवं मशीनरी प्रदर्शन मेले का आयोजन किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रायोजित किए गए इस मेले का आयोजन कॉलेज के फार्म मशीनरी एंड पॉवर इंजीनियरिंग तथा प्रोसैसिंग एंड फूड इंजीनियरिंग विभागों द्वारा किया गया था।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण में मशीनों के अधिकाधिक प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने किसानों से अपनी आय दोगुना करने के लिए विभिन्न उपकरणों एवं साधनों के उपयोग में विश्वविद्यालय से सहयोग प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने किसानों से खाद व रसायनों का समुचित उपयोग करने तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने की अपील की। डॉ. सिंह ने प्रदूषण से बचाव के लिए किसानों से पराली प्रबंधन पर अपना ध्यान केन्द्रित करने के अलावा गांव में अधिक से अधिक संख्या में बायोगैस संयंत्र, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने तथा केंचुआ खाद तैयार करने पर भी बल दिया।
इस अवसर पर मेजबान कॉलेज के डीन डॉ. आरके झोरड़ सहित कॉलेज के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष तथा गुरू जम्भ शक्ति ट्रस्ट के चेयरमैन विकास गोदारा उपस्थित थे। मेले के मुख्य संयोजक इंजी. मुकेश जैन के अनुसार मेले में प्रदेश के विभिन्न गांवों से लगभग 1200 किसान शामिल हुए जिन्हें मेले में प्रदर्शित विभिन्न मशीनों जैसे हे रैक, स्ट्रा बेलर, पेडी चोपर, स्ट्रा रीपर, सब सौइलर, रोटोवेटर, छोटे एवं नए-नए ट्रेक्टर आदि की तकनीकी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन, मिट्टी व जल प्रबंधन, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग, फलों एवं सब्जियों की छंटाई एवं वर्गीकरण, खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, सोलर हारा, बायोगैस संयंत्र, सोलर टनल ड्रायर, बायोमास चूल्हा आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
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