किसानो को आज की आधुनिक तकनीक से खेती करने के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी में किसानो के लिए एक पाठशाला का आयोजन किया गया है. इस पाठशाला के लिए जिले की 158 गाँव को चुना गया है. इन गांवों में दो चरणों में किसानों के लिए पाठशाला का आयोजन कर किसानों को तकनीकी प्रक्षिशण दी जाएगी. इसके लिए डीएम ने 79 नोडल और 79 प्रभारी अधिकारियों को नामित किया है.
जिलाअधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सरकार ने 2022 तक किसानो की आय को दोगुनी करने का जो दावा किया है, इसके लिए क्षेत्रीय विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए किसानों को नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी. किसानों को सिखाने के लिए किसान पाठशाला ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’ प्रत्येक न्याय पंचायत के 2-2 ग्रामपंचायतों में चलेगी. तीन दिन की यह किसान पाठशाला गांव के स्कूलों में सुबह नौ से 11 बजे तक आयोजित की जाएगी. पहले चरण का प्रशिक्षण 21 से 23 जून तक होगा और इसी के साथ दूसरे चरण का प्रक्षिशण 25 से 27 जून तक चलेगा.
डीएम ने कहा कि किसानों को एकीकृत फसल प्रबंधन, पशुपालन, उद्यान, दुग्ध उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, फसल चक्र के सिद्धांत, गर्मी की जुताई, हरी खाद, कंपोस्ट खाद, वर्मी का महत्व, फसल अवशेष प्रबंधन, जैविक खेती, नए बागों की स्थापना, सब्जी उत्पादन, कृषि वानिकी, कृषि औद्यानिक, मौन पालन आदि की बारीकियां बताई जाएंगी. इसके अलावा सरकारी योजनाओं में देय अनुदान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, खरीफ फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण कृषि रक्षा, सिंचाई एवं जल प्रबंधन, खेती तालाब, बौछारी सिंचाई, सोलर पंप आदि की जानकारी दी जाएगी.
वर्षा
कृषि जागरण
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