भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की एक अलग पहचान बनाने का प्रयास कर रही है. फिर चाहे कृषि क्षेत्र हो, एफएमसीजी हो या फिर आयुर्वेद हो. भारत में आयुर्वेद को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है. क्योंकि यह प्राचीन काल से ही भारतीयों के लिए एक वरदान साबित हुआ है. इसलिए ऋषि और मुनियों के काल में आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी प्रक्रिया रही है जिससे इन्सान की जटिल से जटिल बीमारी का भी इलाज संभव हो पाया है. भारत सरकार भी आयुर्वेद और भारत के साथ – साथ विदेशों में भी प्रचारित कर रही है.
इसके लिए सरकार के आयुष मंत्रालय ने फिक्की के साथ मिलकर विज्ञान भवन में अंतराष्ट्रीय आयुर्वेद प्रदर्शनी और कांफ्रेंस “आरोग्य” का आयोजन किया यह आयोजन दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किया गया. इस आयोजन में आयुर्वेद एवं औषधीय क्षेत्र की 150 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया. मुख्य कंपनियों में डाबर, एमिल, मुल्तानी ग्रुप, संधू फार्म, देहलवी रेमेडीज, हमदर्द, आरोग्य फोर्म्युलेशन , आयुर्वेद सूत्र, बैक्फो, बैक्सन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, चरक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनिया थी इसके अलावा इस अन्तराष्ट्रीय कार्यक्रम में यूनानी कंपनियां भी शामिल रही.
‘आरोग्य’ में हुए कांफ्रेंस में आयुर्वेद को और अधिक बढ़ावा देने और कैसे आयुर्वेद को अधिक से अधिक लोगो तक पहुँचाया जा सकता है इस पर चर्चा की गयी. शुरुआत में कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू ने किया. यह चार दिवसीय कार्यक्रम भारतीय और विदेशी लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र रहा. कार्यक्रम में बी2बी मीटिंग्स का भी आयोजन किया गया, जिसमें कि इस क्षेत्र कि कंपनियों को अन्य इस क्षेत्र से जुड़े अन्य शख्सियतों से विचार विमर्श का मौका मिला. कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं और सुविधाओं को भी प्रमोट किया गया. आने वाले डेलिगेट को सभी योजनओं से अवगत कराया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद को भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी बढ़ावा देना है.
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