हर रोज प्रकृति में होते बदलाव और मानव जीवन में होते परिवर्तन के चलते मानव की जिंदगी डोभर सी हो गयी है. बदलते समय के अनुसार हर तरीके से हमारे जीवन खान-पान और रहन सहन में काफी बदलाव आया है इस बदलाव के कारण सबसे बड़ी समस्या है खान-पान की. आज का खाना इंसानों के लिए ऐसा हो गया है कि उसको खाते ही तबियत खराब हो जाती है. या यूँ कहिए कि आज जो खाना हम खा रहे हैं वो किसी भी तरीके से खाने योग्य नहीं है.
पुराने समय में जो लोग खाना खाते थे वह पूरी तरह से पौष्टिक आहार और सभी आवश्यक तत्वों से परिपूर्ण होता था. क्योंकि वह जैविक तरीकों से तैयार किया जाता था. लेकिन आज हमें जैविक खाने के लाले पड़े हैं. अब देश की सरकार भी जैविक की और भाग रही है. किसानों को भी देश में जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जैविक खेती को बढ़ावा देने की प्रक्रिया सिर्फ भारत में नही बल्कि पूरे विश्व में इसको बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी के मद्देनजर नॉएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में अन्तराष्ट्रीय आर्गेनिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस जैविक कृषि प्रदर्शनी में कई देशों से अन्तर्राष्ट्रीय डेलिगेटस ने प्रतिभागिता की. इस कार्यक्रम की मुख्य थीम जैविक खेती और जैविक उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना रखा गया .
भारत के कई राज्यों के उच्च अधिकारीयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का ख़ास मौका तब रहा जब भारत के पूर्ण रूप से जैविक राज्य घोषित सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने कार्यक्रम में शिरकत कि उन्होंने अपने पूरे भाषण में किसानों और सभी डेलिगेटस को संबोधित करते हुए सिक्किम में की जा रही जैविक खेती पर प्रकाश डाला. इस दौरान पवन चामलिंग ने कहा कि सिक्किम भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसमें पूरी तरह से जैविक खेती की जाती है. सिक्किम में कीटनाशको का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है, इसी के चलते इस राज्य ने अपनी एक अलग पहचान बनायीं है. आज दूसरे राज्य भी सिक्किम की तर्ज पर जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. सिक्किम के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय देश में जैविक खेती और उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने समय में देश को पूरी तरह से जैविक खेती को अपनाने की जरुरत है.
इसी मौके पर IFOAM (International Fedration of Organic Agriculture movments ) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मार्कस अर्बेंज़ ने कहा कि भारत जैविक खेती का एक बड़ा हब है. यहाँ पर जैविक खेती करके विश्वभर में जैविक को बढ़ावा दिया का सकता है. भारत में जैविक खेती के बहुत अवसर है. उन्होंने जैविक खेती अंतराष्ट्रीय आंकड़ों पर भी चर्चा की. बहरहाल यह कार्यक्रम बहुत ही सफल रहा और इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे बड़े पैमाने पर देश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. यह जैविक खेती पर किए गए इस मंथन से देश में बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा.
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