प्याज की कम कीमतों को लेकर महाराष्ट्र में कृषि संकट बना हुआ है. इसकी वजह से यहां के किसान बेहद परेशान हैं. इसी संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने बीते दिनों बड़ा फैसला लिया है. इसके बाद से यहां के प्याज किसानों को थोड़ी राहत मिली है.
प्याज का उत्पादन ज्यादा मांग कम
देश में खरीफ सीजन में लाल प्याज की आवक बड़े पैमाने पर चल रही है. यही वजह है कि कई राज्यों में प्याज का उत्पादन बढ़ने से आपूर्ति के मुकाबले मांग कम है. इससे प्याज की कीमतों में गिरावट आ गई है, जिससे प्याज के उत्पादक किसान बेहद परेशान और चिंतित हैं.
बीते दिनों कई जगहों से खबरें आई की प्याज के किसान अपनी प्याज की फसल को सड़कों पर फेंकने को मजबूर हो गए हैं. क्योंकि वो प्याज की खेती में लगे लागत तक को भी नहीं निकाल पा रहे हैं. आलम ये है कि कई जगहों पर प्याज 10 रुपये किलो पहुंच गया है. महाराष्ट्र भी इन्हीं राज्यों में से एक है जहां प्याज की कीमत गिरने से किसानों को परेशानी हो रही है. इसी को लेकर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
दरअसल, सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्याज की खेती करने वाले किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की घोषणा की. शिंदे ने विधानसभा में कहा- प्याज महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है और इसकी कीमत प्याज उत्पादक किसानों के लिए एक बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है.
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