आपकी जेब ढीली कर देने वाली प्याज कभी-कभी कौड़ियों के दाम पर बिकने को मजबूर हो जाती है जिससे किसानों को काफी सही मुनाफा नहीं मिल पाता। किसानों को उनके प्याज की सही कीमत मिले इसके लिए राजविंदर सिंह राना ने एक नई तकनीक इजाद की है। राजविंदर पंजाब के लुधियाना जिले के मदियानी गांव में रहते हैं। उन्होंने यह देखा कि कई बार जब प्याज हल्का सड़ने लगता हैं तो किसानों को उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता। राजविंदर ने समस्या का हल निकालने के लिए इस विषय शोध किया। उन्होंने ‘एग ट्रे’ में प्याज रखकर सप्ताह में दो बार पानी का छिड़काव किया। इसके बाद उससे हरी पत्ती वाला प्याज निकलने लगा।
राजविंदर बताते हैं कि एक किलो प्याज में जितने गुण पाए जाते हैं, उतने ही गुण एक हरे पत्ती वाले प्याज में पाए जाते हैं। वैसे तो इस इस तकनीक का इस्तेमाल हम उस समय कर सकते हैं जब हमारे पास मिट्टी का कोई साधन न हो लेकिन अभी मैंने इसका इस्तेमाल अपनी किचेन में किया है।
इस प्याज का इस्तेमाल हम रोजाना कर सकते हैं। ये वर्षों चलने वाली प्रक्रिया है, इससे हमारे घर में हल्का खराब हो रहा प्याज प्रयोग में आ जाएगा। राजविंदर आगे बताते हैं कि इस प्रक्रिया से किसानों के प्याज का उन्हें सही दाम भी मिलेगा। साथ ही अगर कोई इस हरे प्याज एग ट्रे को बाजार में बेचना चाहेगा तो उस समय बाजार भाव के हिसाब से 40-60 रुपए आसानी से कमाए जा सकते हैं।
आप भी अपनी रसोई में खाली एग ट्रे में घर में हल्के खराब हो रहे प्याज को एग ट्रे के खानों में भरकर रख सकते हैं। सप्ताह में दो बार हल्के पानी का इसमें छिड़काव करें। इसमें हर सप्ताह में दो बार पानी डालते रहें जिससे ये हरा बना रहेगा। इस तकनीक से घर में खराब हो रहे प्याज का हम सही से प्रयोग कर सकते हैं।
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