खेती-बाड़ी करना मुनाफे का सौदा है या फिर घाटे का, यह एक बड़ी बहस का विषय है, लेकिन हाल ही में एक ताजा रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह बताया गया है कि खेती की जमीन के मामले में सबसे ज्यादा मालामाल कौन है.
जी हां, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (National Sample Survey Organization/NSSO) की तरफ से एक ताजा रिपोर्ट पेश की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, खेती की जमीन के मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) अन्य आरक्षित समूहों की तुलना में कहीं ज्यादा मालामाल है. आइए इस बात में कितनी सच्चाई है, इस पर प्रकाश डालते हैं-
देशभर में कराया गया सर्वेक्षण
दरअसल, देशभर में एनएसएसओ (NSSO) द्वारा जुलाई 2018 से जून 2019 के बीच में सर्वेक्षण कराया गया है. इस सर्वेक्षण के अनुसार, कृषि क्षेत्र में 9.3 करोड़ परिवार संलग्न हैं, जबकि ग्रामीण भारत में 7.9 करोड़ परिवार गैर कृषि कार्य में लगे हैं. इस तरह कृषि कार्य में 54 प्रतिशत परिवारों की हिस्सेदारी है.
बता दें कि एनएसएसओ ने इस रिपोर्ट में ग्रामीण भारत में कृषक परिवारों की स्थिति जारी की है. इसके अनुसार, कुल कृषक परिवारों में सबसे ज्यादा 45.8 प्रतिशत हिस्सेदारी ओबीसी वर्ग (OBC) की है. यानि इस तरह कुल कृषि परिवारों में से 4.2 करोड़ ओबीसी (OBC) समूह के परिवार हैं.
अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी
इसी तरह अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी की बात करें, तो इनकी हिस्सेदारी 15.9 प्रतिशत की है और कृषि कार्य में 1.4 करोड़ परिवार लगे हैं.
बता दें कि इन 3 आरक्षित समूहों के अलावा अन्य समूहों की हिस्सेदारी कृषि परिवारों में महज 24.1 प्रतिशत की है. उनके परिवारों की संख्या करीब 2.2 करोड़ है. यह कृषि पर ओबीसी (OBC) समूह के प्रभुत्व को दर्शाता है.
आरक्षित समूहों में ओबीसी की अच्छी हिस्सेदारी
यह वर्गीकरण उन परिवारों का है, जो कृषि कार्य से जुड़े हैं और जिनके पास खेती के लिए अपनी जमीन है. एनएसएसओ (NSSO) के सर्वेक्षण में जमीन को आकार के हिसाब से कई श्रेणियों में विभाजित किया गया. उसमें सामाजिक समूहों की हिस्सेदारी देखी गई.
इसका परिणाम यह निकलकर सामने आया कि आरक्षित समूहों में ओबीसी की अच्छी हिस्सेदारी है. इसके अलावा वह करीब-करीब अन्य समूह के बराबर में खड़ा है.
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