अब सरकारे जगहों के नाम बदलने के बाद अब जानवरो के नाम भी बदलना शुरू कर दिया है. इसी नाम बदलने के सिलसिले के बीच जयराम सरकार पहाड़ी नस्ल के गाय को नया नाम देने जा रही है. यह हिमाचल के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई सरकार पहाड़ी गाय और लाहौल स्पीति की 'चुरू गाय' का नामकरण करने का फैसला किया है.
अभी तो प्रदेश में शिमला के नाम 'श्यामला’ रखने पर सियासी चर्चा चरम पर है. अब इसी सियासी माहौल में ही जयराम सरकार ने पहाड़ी नस्ल के गाय को नया नाम देने जा रही है. पशुपालन विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर दिया है और आगे की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हिमाचल में छोटे कद की पहाड़ी नस्ल की गाय को ‘गौरी’ नाम से पुकारा जाएगा. इतना ही नहीं लाहौल स्पीती में पाई जाने वाली चारू गाय का नाम "हिम चारू" रखा जायेगा। इस बात कि पुष्टि कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर सिंह ने की है. बता दे की अभी लाहौल घाटी मे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चारू गायों की संख्या बहुत ही कम है.
कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया की गायो के नाम बदलने का फ़ैसला इस लिए किया गया है की इसकी नस्ल में सुधार हो और संरक्षण-संवर्धन किया जा सके. केंद्र सरकार ने भी हिमाचल को पहाड़ी गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट मंजूर किया है. इसके लिए जमीन कि खोज की जा रही है और उसी जमीन पर अनुसंधान केंद्र स्थापित होगा। जो गौपाल को गाय पालने के लिए सब्सिडी भी दी जाएगी। आज सड़कों पर घूमती लावारिश गायों में पहाड़ी गायों को संख्या अधिक है. इसीलिए पहाड़ी गाय के नामकरण का जो रास्ता सरकार ने अपनाया है उससे उम्मीद है कि यह काम केवल नामकरण तक न रह जाए, बल्कि इसके संरक्षण और संबर्धन पर गंभीरता से काम हो.
प्रभाकर , कृषि जागरण
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