अब लगता है प्याज और नहीं रुलाएगा क्योंकि सरकार एक बार फिर प्याज का एम.ई.पी. बढ़ाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक प्याज के दामों पर काबू पाने के लिए प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (एम.ई.पी.) 850 डॉलर प्रति टन से बढ़ कर 1050 डॉलर प्रति टन किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि एम.ई.पी. के नीचे प्याज का एक्सपोर्ट संभव नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही सरकार ने प्याज का एम.ई.पी. बढ़ा कर 850 डॉलर प्रति टन किया था लेकिन इसके बावजूद प्याज की कीमतों में कोई कमी नहीं आई और भारी आवक के बावजूद रिटेल में प्याज का भाव 50 रुपए के ऊपर बना हुआ है।
एक्सपोर्ट 3 गुना बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
एक्सपोर्ट आंकड़ों की तुलना अगर 2015-16 में हुए एक्सपोर्ट से की जाए तो 2016-17 में एक्सपोर्ट 3 गुना से भी अधिक बढ़ा है। 2015-16 के दौरान देश से सिर्फ 11,14,418 टन प्याज का निर्यात हो पाया था। रिकॉर्ड तोड़ एक्सपोर्ट से घरेलू बाजार में प्याज की सप्लाई घट गई थी, इसलिए प्याज की कीमतें आसमान छूने लगीं।
प्याज की पैदावार ज्यादा
इस साल प्याज की पैदावार ज्यादा हुई है। नवम्बर के दौरान आवक भी बढ़ी है जिससे आने वाले दिनों में थोक बाजार में भाव घट सकता है। लंबी अवधि में रिटेल बाजार में भी इसकी कीमतों में नरमी आ सकती है।
सरकार ने उठाए कदम
नवम्बर महीने की शुरुआत में सरकारी एजैंसी एम.एम.टी.सी. ने 2,000 टन प्याज के इंपोर्ट का टैंडर दिया था। यह कदम प्याज की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए था, लेकिन पाकिस्तान ने प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी। वहीं इंटरनेशनल बाजार में भी इसका प्राइस अधिक है।
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