खेती किसानी में रासायनिक खाद के अत्याधिक उपयोग से किसान के खेत की मिट्टी का क्षरण हो रहा है. जिसको रोकने के लिए शिवराज सरकार किसान के खेत की मिट्टी का परीक्षण करने के लिए हर गांव के हर खेत में एंबुलेंस मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला सेवा शुरू करने जा रही है.
इस खेत पहुंच एंबुलेंस में कृषि वैज्ञानिकों के साथ कृषि अधिकारियों की टीम एंबुलेंस में मुस्तैद रहेगी. जो किसान के खेत पर पहुंचकर किसान को ऑन स्पॉट यह बताएगी कि आपके खेत की मिट्टी में कितना रसायनिक खाद उपयोग करना है या नहीं करना है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने राजधानी भोपाल में आयोजित किसान उत्पादक संगठनों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपरोक्त जानकारी दी.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पहले यह व्यवस्था किसान के लिए मंडी में उपलब्ध रहती थी लेकिन इस सेवा का समुचित लाभ किसान को नहीं मिल पाता था लेकिन अब इस व्यवस्था को किसान के खेत तक पहुंचा कर किसान को लाभ देने का सरकार ने निर्णय लिया है. रसायनिक खाद का अत्याधिक उपयोग होने से किसान के खेत की मिट्टी का क्षरण हो रहा है. जिसको अब हम सबको मिलकर रोकना होगा.
उन्होंने बताया कि इस योजना से विदेशों में जाने वाला रसायनिक खाद खरीदी का पैसा भी बचेगा और किसान प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर लौटेगा. उन्होंने बताया कि 2019-20 में भारत सरकार 71000 करोड़ की सब्सिडी देती थी लेकिन अब वह बढ़कर सवा दो लाख करोड़ हो गई है. पहले डीएपी उन्नीस सौ में मिलता था. तब सरकार किसान को 12सौ में देती थी यानी कि 700 रूपए की सब्सिडी एक बोरी पर सरकार किसान को दे रही थी, लेकिन अब डीएपी 3900 का हो गया है. जिस पर किसान से प्रति बोरी 1350 रुपए ही सरकार ले रही है. 26सौ-27सौ सब्सिडी सरकार दे रही है.
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उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को करने की दिशा में किसान उत्पादक समूह का अहम योगदान रहेगा, इसके लिए सरकार हर कदम पर आपके सहयोग के लिए खड़ी हुई है. देश का किसान समृद्धशाली होगा तो देश भी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा.
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