अभी हाल ही में कृषि मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया है. यकीनन, यह आंकड़ा किसानों को उत्साहित करने वाला है और साथ ही निकट भविष्य में उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए भी प्रेरित करने वाला है. मंत्रालय द्वारा जारी किया गया यह आंकड़ा महज एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह एक खाका है, जिसके आधार पर हमारे किसान भाई अपने लिए आगामी भविष्य की इबारत तैयार करेंगे.
क्या कहता है, कृषि मंत्रालय का यह आंकड़ा?
यहां हम आपको बताते चले कि कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ मौसम में उगाए जाने वाले फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार खरीफ सीजन में धुआंधार फसलों की पैदावार होगी. उधर, रबी सीजन की फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रबी सीजन में उगाए जाने वाले फसलों की कटाई इस बार भारी मात्रा में हो रही है. अब तक करीब 46 फीसद रबी फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है और आगे भी यह सिलसिला जारी रह सकता है. बताया जा रहा है कि इस बार किसान भाइयों को रबी फसलों की कटाई से भारी मुनाफा मिल सकता है.
वहीं, खरीफ सीजन के फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है. खरीफ सीजन में उगाए जाने वाले फसलों की कटाई अक्टूर माह में शुरू हो जाती है, जब मौसम थोड़ा शुष्क होता है. अब ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार किसानों को रबी के साथ-साथ खरीफ सीजन में उगाए जाने वाले फसलों से भी अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त हो सकता है. वहीं, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रबी और खरीफ के बीच में उगाई जाने वाली फसलों को जायद फसलें कहते हैं. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वर्ष किसान भाइयों के लिए फायदे का वर्ष साबित होने जा रहा है. किसान भाइयों को उनकी फसलों से अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त होने जा रहा है.
कोरोना का कहर हुआ बेअसर
माना जा रहा था कि फसलों की बुआई से लेकर उनकी कटाई तक की पूरी प्रक्रिया में कोरोना वायरस के कहर का असर देखने को मिल सकता है, लेकिन सुकून की बात यह रही है कि ऐसा कोई भी असर देखने को नहीं मिला. सब कुछ बिल्कुल अच्छे से संपन्न हुआ है और आगे भी सब कुछ बिल्कुल अच्छे से होने की उम्मीद जताई जा रही है.
यहां हम आपको बताते चले कि 2021-22 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में अब तक 36.87 लाख हेक्टेयर धान बोया गया था, जबकि एक साल पहले तक धान का रकबा 31.36 लाख रूपए था. वहीं मोटे अनाज का रकबा 6 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है.
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