22 मार्च, बुधवार को यानी आज सिल्वर ओक्स, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में कृषि प्रणाली को मजबूत करने और भारत में छोटे किसानों को समर्थन देने पर वॉलमार्ट फाउंडेशन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा किया गया.
इस सम्मेलन में ट्रस्टी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, SM सहगल फाउंडेशन की अंजली मखीजा ने कहा कि महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र मे पहले से अधिक जागरूकता आई है. साथ ही अन्य अतिथियों ने भी इस कार्यक्रम में देश के किसानों व महिलाओं की स्थिति के बारे में अपने-अपने विचारों को व्यक्त किया. देखा जाए तो महिलाएं FPO के जरिए बदलाव ला रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह सम्मेलन तीन SESSION में चला. जो कुछ इस प्रकार से हैं.
SESSION 1: सामूहिकता पर जोर के साथ महिला लघु किसानों (WSHF) के लिए बेहतर परिणाम
सत्र में महिला एसएचएफ को सशक्त बनाने के लिए सामूहिकता पर ध्यान केंद्रित किया गया और भारत में कृषि उद्यमों और एफपीओ के मॉडल पर चर्चा की गई.
SESSION 2: वित्त तक पहुंच और एफ.पी.ओ.एस.
दूसरे सत्र में कटाई के बाद का प्रभावी प्रबंधन नुकसान को कम करने, उपभोक्ता आवश्यकताओं को पूरा करने और पोषण की गुणवत्ता को बनाए रखने, उप-उत्पादों के उपयोग को अनुकूलित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए खाद्य और अन्य सभी संबंधित उत्पादों का उत्पादन, परिवहन और प्रक्रिया करने वाली कार्रवाई श्रृंखला को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया. यह सत्र जमीनी स्तर से सीखने और चुनौतियों और छोटे किसानों के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के महत्व पर केंद्रित रहा.
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SESSION 3: एफपीओ को टिकाऊ बनाना (इनपुट और आउटपुट बिजनेस, मार्केट लिंकेज, फाइनेंस तक पहुंच, किसान जुड़े आदि)
इस सत्र में चर्चा की गई कि एफपीओ की स्थिरता के लिए प्रमुख निर्धारक न केवल इसके गठन के लिए संस्थागत समर्थन है बल्कि नए बाजार लिंकेज के लिए प्रावधान, एफपीओ को अपनाना है. कृषि सर्वोत्तम प्रथाओं, वित्त तक पहुंच और किसानों को प्रबंधकीय कौशल प्रदान करने पर भी चर्चा की गई. बता दें कि इस तीसरे सत्र में इनपुट और आउटपुट बिजनेस, मार्केट लिंकेज, एक्सेस पर फोकस किया गया.
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