सहकारी संस्था नैफेड सोमवार से दिल्ली में प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के लिए बफर स्टॉक से हर दिन 200 टन प्याज सप्लाई करेगा. आपूर्ति में यह वृद्धि, राष्ट्रीय स्तर पर प्याज की कीमतों में आये भारी उछाल को देखते हुए की जा रही है. व्यापार आंकड़ों के मुताबिक रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली प्याज के भाव 30 से 40 रूपये किलो तक पहुँच गए हैं. उत्पादक राज्यों से आपूर्ति कम होने के चलते ये हालत पैदा हुए हैं. आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और भी वृद्धि होने का अनुमान है.
नैफेड के प्रबंध निदेशक संजीव के चढा ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सोमवार से सहकारी नैफेड सरकार के बफर स्टॉक में 200 टन प्याज ऑफलोड करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों से थोक बाजार में बफर स्टॉक से 75 से 100 टन प्याज जारी किया जा रहा था. जिसे बढ़ाकर अब 200 टन प्रति दिन के हिसाब से जारी करने का फैसला किया गया है.
नैफेड (भारत का राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ), न केवल थोक बाजारों में प्याज का वितरण करेगा बल्कि अपने सभी 400 आउटलेटों में खुदरा वितरण के लिए मदर डेयरी की सहायक वितरण कंपनी 'सफल' को भी उतार देगा. मदर डेयरी ने दिल्ली में प्याज को खुली या फुटकर में 23.90 रुपये प्रति किलो और पैक्ड 25.90 रुपये प्रति किलोग्राम बेचने पर सहमति जताई है.
चड्डा ने कहा कि आपूर्ति में वृद्धि, दिल्ली-एनसीआर के थोक और रिटेल बाजारों में प्याज की कीमतों को स्थिर करने में मदद करेगी और साथ ही लोगों को सस्ते दाम पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
नाफेड के अधिकारी ने आगे कहा कि केंद्र ने प्याज की कीमतों में होने वाले संभावित उछाल को देखते हुए पहले ही बफर स्टॉक तैयार कर लिया था और इसमें पर्याप्त मात्रा में माल जमा किया गया था.
नैफेड ने दिसंबर के पहले सप्ताह तक खुले बाजार में प्याज को जारी रखने का फैसला किया है. इसके बाद नई खरीफ फसल का आगमन हो जायेगा और प्याज के मूल्यों में गिरावट हो जाएगी. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नई खरीफ फसल का आगमन शुरू हो भी चुका है.
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