MSP on Milk: देश में इन दिनों किसान आंदोलन की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है. किसान फसलों पर MSP सहित अपनी 12 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच MSP को लेकर एक बड़ा फैसला सामने आया है. हालांकि, ये फैसला फसलों के MSP को लेकर नहीं, बल्कि दूध के MSP को लेकर है. सरकार ने दूध पर MSP तय करने का ऐलान किया है. कहा जा रहा है की सरकार के इस फैसले से पशुपालकों की स्थिति में सुधार होगा. वहीं, सरकार के इस फैसले से पशुपालकों के बीच खुशी की लहर है. पशुपालक सरकार के इस फैसले को सही बता रहे हैं.
सरकार के इस फैसले के बाद अब दूध की कीमत निश्चित कर दी गई है. अब तय कीमत से कम रेट पर कोई भी पशुपालकों से दूध नहीं खरीद पाएगा. आइए जानते हैं की सरकार ने दूध पर कितनी MSP तय की है और इससे पशुपालकों को क्या फायदा होगा.
कितनी है दूध पर MSP
बता दें कि देश की एक बड़ी आबादी आज भी खेती पर निर्भर है. खासकर देश के ग्रामीण इलाकों में बड़े स्तर पर खेती की जाती है. खेती के साथ किसान अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन भी करते हैं. कमाई के लिहाज से पशुपालन बेहतर कारोबार माना जाता है. हालांकि, पशुपालकों की हमेशा से शिकायत रही है की दूध पर भी MSP तय किया जाना चाहिए. उनका कहना है की कई बार दूध की सही कीमत न मिलने के चलते उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में अगर दूध पर MSP तय कर दी जाएगी, तो इससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा. सरकार ने पशुपालकों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ये बड़ी घोषणा की है. सरकार ने गाय के दूध पर MSP को 38 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये लीटर और भैंस के दूध पर 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. MSP की बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल 2024 से लागू हो जाएगी.
इस राज्य में बढ़ाई गई है MSP
अगर आप सोच रहे हैं की MSP का ये फैसला केंद्र सरकार की ओर से आया है, तो आप गलत हैं. दरअसल, दूध पर MSP बढ़ोतरी का ये फैसला हिमाचल सरकार ने लिया है. हिमाचल सरकार का मानना है की दूध पर MSP बढ़ाने के फैसले से पशुपालकों की आर्थिक स्थिति बेहतर और बेहतर होगी. बता दें कि चारे की बढ़ती कीमतों, पशुओं के रख-रखाव और खान-पान की बढ़ती लागत के चलते पशुपालक लंबे समय से दूध पर MSP की मांग कर रहे थे. लेकिन, अब हिमाचल सरकार ने पशुपालकों के हित में बड़ा फैसला लिया है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ये फैसला प्रदेश सरकार ने पशुपालकों के हित में लिया है. जिसका लाभ सिर्फ हिमाचल की ही पशुपालकों को मिलेगा.
क्या है MSP
आपको बता दें MSP का मतलब है, मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य. आसान भाषा में कहें तो अगर किसी चीज पर एक बार MSP तय कर दी जाए, तो उससे कम कीमत पर कोई भी उस चीज को नहीं खरीद सकता. जैसे की सरकार ने गाय के दूध पर MSP 45 रुपये प्रति लीटर कर दी है. ऐसे में अब हिमाचल में गाय का दूध इससे कम कीमत पर नहीं खरीदा जा सकेगा.
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