डॉ एम.एस. स्वामीनाथन की 93वें जन्मदिन के अवसर पर 'कृषि जागरण' ने उनका जन्मदिन मनाया. डॉ स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 में तामिलनाडु के कुम्भकोण्म में हुआ था. स्वामीनाथन एक अंतरराष्ट्रीय प्रशासक हैं और भारतीय हरित क्रांति के जनक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने हरित क्रांति कार्यक्रम के तहत किसानों के खेतों में ज्यादा उपज देने वाले गेहूं और चावल के बीज ग़रीब किसानों के खेतों में लगाए थे. वह एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं जहां वह वर्तमान में कार्य कर रहे हैं. उनका उद्देश्य दुनिया को भूख और गरीबी से छुटकारा दिलाना है. वह भारत को टिकाऊ विकास प्रदान करने के लिए विशेष रूप से पर्यावरणीय टिकाऊ, कृषि टिकाऊ, खाद्य सुरक्षा और जैव विविधता के संरक्षण का उपयोग करने की वकालत करते हैं, जिसे वह "सदाबहार क्रांति" कहते हैं.
गणमान्य व्यक्ति का जन्मदिन मनाते हुए कृषि जागरण के एडीचर-इन-चीफ एम.सी. डॉमिनीक ने उनको संबोधित करते हुए कहा कि, "डॉ स्वामीनाथन एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। उन्होंने भारतीय किसान और खेती के कल्याण को पूरी तरह से आगे बढ़ाने के लिए कई चीजों बदलाव किया है. स्वामीनाथन के प्रयासों से खेती में काफी बदलाव हुआ है. उन्होंने कृषि जागरण टीम को सभी के लिए कल्याण और गरीबी और भूख के उन्मूलन के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया. हम उस सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
1972 से 1979 तक वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक थे. वह 1979 से 1980 तक कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव थे. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (1982-88) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया और 1988 में नेचर एंड नेचुरल रिसोर्सेज के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ के अध्यक्ष बने.
डॉ स्वामीनाथन द्वारा प्राप्त कुछ पुरस्कार हैं: विश्व खाद्य पुरस्कार 1987, पद्म भूषण, इंदिरा गांधी पुरस्कार 1999, पद्मश्री, राष्ट्रीय एकता 2013 के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार, विज्ञान के अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व पुरस्कार 1986, पद्म विभूषण, रामन मैगसेसे पुरस्कार, चार स्वतंत्रता पुरस्कार, सीएनएन-आईबीएन भारतीय वर्ष का लाइफटाइम अचीवमेंट 2010.
जिम्मी
पत्रकार (कृषि जागरण)
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