मानसून की बारिश खेती के लिए वरदान साबित होती है. बीते दिन उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होने से किसानों के चेहरो पर खुशी ला दी है. इसके चलते किसानों ने खरीफ फसलों बुवाई की तैयारियां शुरू कर दी हैं. किसानों का मानना है कि मानसून की बारिश खरीफ फसलों की पैदावार को बढ़ा देती है.
मानसून धान की बुवाई में करेगा मदद (Monsoon will help in sowing of paddy)
हालांकि, मानसून की बारिश के कारण सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान होगा, लेकिन किसानों को धान की खेती में मानसून की बारिश बड़ी राहत देगी. देश के अधिकतर किसानों ने धान की नर्सरी लगाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. मानसून की बारिश और तेज हवाएं, दोनों गर्मी से राहत देती हैं. इसके साथ ही किसानों को खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई से अधिक पैदावार दिलाती हैं.
मानसून लौकी और नेनुआ की फसल को पहुंचाएगा नुकसान (Monsoon will damage gourd and nanua crops )
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की बारिश एक तरफ किसानों के लिए काफी फायदेमंद हैं, क्योंकि इस समय किसान धान की नर्सरी, अरहर समेत कई फसलों की खेती कर सकते हैं. मगर मानसून की बारिश की वजह से लौकी और नेनुआ की फसलों को भारी नुकसान होता है. दरअसल, मानसून की बारिश से इन फसलों के खेतों में पानी लग जाए, तो उन्हें नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, कई किसान खरीफ फसलों की खेती में जुट गए हैं क्योंकि इस साल का मानसून किसी भी समय पर दस्तक दे सकता है.
कब होगा मानसून का आगमन (When will the arrival of monsoon)
आपको बता दें कि इस साल देश में मानसून का आगमन थोड़ी देरी से होगा. स्कायमेट वेदर की मानें, तो आमतौर पर मानसून जून के पहले सप्ताह में आ जाता है, लेकिन इस बार मानसून जून के दूसरे सप्ताह तक आ सकता है.
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