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National Dairy Scheme के जरिए दूध उत्पादकों को किया करोड़ों रुपये का भुगतान, पढ़िए पूरी खबर

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि देश के लाखों किसान संगठित होकर सामूहिक रूप से डेयरी क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं. पिछले पांच सालों में दूध उत्पादक संगठनों ने राजस्व को तिगुना बढ़कर 18,000 करोड़ कर लिया है.

अनामिका प्रीतम
National Dairy Development Board Chairman Meenesh Shah
National Dairy Development Board Chairman Meenesh Shah

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसानों के स्वामित्व वाले दूध उत्पादक संगठनों ने दूध की खरीद को तीन गुना से भी अधिक करने का लक्ष्य रखा है, जो अब 5,575 करोड़ से बढ़कर 18,000 करोड़ रु. हो गया है. इसका उत्पादन प्रति दिन 100 लाख लीटर से भी अधिक हो गई है.

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि एनडीडीबी अपनी शाखा एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के माध्यम से ऐसे और संगठनों की सुविधा प्रदान करेगा, जो इस क्षेत्र के विकास को उत्तरोत्तर वृद्धि करने में सहायक होगा और इस विषय को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट-2022 में संबोधन के दौरान कहा था.

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 4 दिवसीय शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा था कि एनडीडीबी का सहयोग से राज्य में 5 और एमपीसीज होंगे जिसकी  संख्या कुल 10 तक हो जाएगी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एनडीडीबी के 9 आगामी दूध प्रसंस्करण संयंत्रों के उचित प्रबंधन और संचालन में उत्तर प्रदेश सरकार अपनी महत्ती भूमिका निभाकर उसे एक या दो साल में इसे चालू करना चाहती है.

उन्होंने कहा, "हम हर जिले में दूध उत्पादक संगठनों का विस्तार करेंगे और संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करेंगे कि सहकारी समितियों और एमपीसीज के बीच तालमेल बैठाकर बेहतर कार्य किया जाय ताकि प्रगति के पथ पर राज्य का हर एक जिले, गांव और कस्बा बेहतर तरीके से जुड़े. प्रेस कॉन्फ्रेस में शाह ने कहा कि इस क्षेत्र में स्टार्ट-अप अवधारणा हाल ही में आई है लेकिन एमपीसीज लंबे समय से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और देखा जाय तो सही मायने में ये ही असली स्टार्ट-अप हैं,".

शाह ने आगे कहा, 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं सहित लगभग 750,000 किसानों ने लगभग 20 उत्पादक स्वामित्व वाली संस्थाएं (एमपीसीज) बनाई हैं, जो नित्य अपने कार्यकुशलता और लगन से निरंतर कीर्तिमान बना रही हैं. इन संस्थाओं ने पिछले साल लगभग 5,600 करोड़ रुपये का कारोबार किया था.  शाह ने चार सभी महिला संगठनों सहित छह एमपीसीज द्वारा मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादों के लॉन्च के अवसर पर कहा कि किसान संगठन की स्थापना के बाद से, अब तक यह संख्या बढ़कर 20 हो गई है. पिछले वित्त वर्ष (2021-2022) तक डेयरी क्षेत्र के किसानों को 27,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया ”देश में 20 किसान स्वामित्व वाले संगठन चालू हो गए हैं और पिछले वित्त वर्ष के अंत में प्रति दिन 40 लाख लीटर से अधिक दूध की खरीदा जा रहा है.

इन किसानों ने पिछले दस वर्षों में 175 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए हैं और सामूहिक रूप से 400 करोड़ रुपये से अधिक भंडार और अधिशेष के रूप में हैं,  शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार नीति तंत्र और राष्ट्रीय डेयरी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. किसानों को खुद को संगठित करने के लिए-आने वाले वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बस कुछ कदम दूर हैं.

ये किसान संगठन, 5 लाख से अधिक महिला सदस्यों के साथ बिक्री आय का 85 प्रतिशत तक बढ़ाने में योगदान दे रही हैं. यह महिलाओं के सशक्तिकरण को दर्शाता है, जो सही मायनों में उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाते हैं.

गौरतलब है कि इन 18 परिचालन संस्थाओं में से 12 का स्वामित्व पूरी तरह से महिला सदस्यों के पास है. जा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी को तिरुपति में पवित्र बालाजी मंदिर की तलहटी में पहली और दुनिया की सबसे बड़ी महिला किसान संगठन होने का गौरव प्राप्त है. सखी और आशा जैसी महिला केन्द्रितता को दर्शाने वाले नामों को भी ऐसी सभी महिला संस्थाओं द्वारा अपनाया गया है.

English Summary: Millions of rupees were paid to milk producers through National Dairy Scheme, read full news Published on: 15 September 2022, 02:18 PM IST

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