उत्तराखण्ड के उधम सिंह नगर के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अब केले की खेती मददगार साबित होती दिख रही है. केले के फसल के साथ किसान पौधों के बीच खाली जगहों पर मिर्च, भिन्डी आदि सब्जी ऊगा सकते है. केले के फसल के साथ पैदा की गई सब्जियों को बेच कर किसान अतिरिक्त मुनाफा कमा सकता है. पिछले साल लगे केले के पौधों में अब फल आना चालू हो चुके है। इस बार आत्मा परियोजना और मनरेगा के तहत जिले में 22 हेक्टयेर की भूमी पर 68 हजार केले के पौधे लगाए गए है.
दरअसल केले की मांग बिहार, महाराष्ट्र, केरल और अन्य प्रदेशो से पूरी की जाती है. सीडीओ आलोक कुमार पांडेय ने केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र से जी-39 प्रजाति के केले के पौधे मंगवाए थे. साल 2017-18 में मनरेगा स्कीम के तहत विकासखंडों खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, बाजपुर और जसपुर में 6.20 हेक्टेयर जमीन पर 18600 पौधे रोपने के लिए किसानों को निशुल्क वितरित किए थे. इसके साथ ही पौधों को लगाने के लिए मनरेगा के तहत मजदूरी भी दी गई थी.
जिले के किसानो ने केले के पौधों के साथ ही खाली जगह पर मिर्च, चुकंदर, और पत्तागोभी आदि कि सब्जियां भी लगाई थी। अबकी बार भी आत्मा और मनरेगा परियोजना के तहत जिले के 6 ब्लाक रुद्रपुर, खटीमा, सितारगंज, गदरपुर, बाजपुर और जसपुर के किसानों ने 22.7 हेक्टेयर जमीन पर 68,200 पौधे लगाए गए है. जिले में केले की खेती को लेकर किसान बहुत ही उत्त्साहित नजर आ रहे है.
केले के साथ इंटरक्रापिंग करके आप सब्जियां उगाकर अतिरिक्त मुनाफा भी कमा सकते हैं। बाजपुर जैसे कई अन्य जगहों पर केले के साथ सब्जियां उगाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे है.सीडीओ आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि कुछ किसानों ने मत्स्य पालन के लिए तालाब खुदवाए हैं। इनके चारों तरफ भी केले के पौधे लगवाए गए हैं। तालाब में मछली पालन केे साथ ही किसान केले से भी मुनाफा कमाएंगे।
Share your comments