'MFOI, VVIF Kisan Bharat Yatra': कृषि जागरण के द्वारा शुरू की गई 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' देश में जारी है. जो किसानों को कृषि जागरण की पहल MFOI (Millionaire farmer of India) के बारे में भी जागरूक करने का काम कर रही है. फिलहाल, 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा ने इटावा और औरैया जिलों पर एक प्रभावशाली छाप छोड़ी, जिसमें केवीके इटावा, पुथन सकरौली, नावली, मेहौली, धूपकरी और पैगंबरपुर जैसे गांव शामिल थे. वर्तमान में उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को पार करते हुए, रोड शो ने इटावा और औरैया जिलों पर एक प्रभावशाली छाप छोड़ी है. इन क्षेत्रों में, 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' ने केवीके इटावा, पुथन सकरौली, नावली, मेहौली, धूपकरी और पैगंबरपुर जैसे गांवों को कवर किया है. यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर भारतीय प्रगतिशील किसानों को मिलकर उन्हें एक अलग पहचान दिलाने में मदद कर रही है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इटावा में इस प्रयास की सफलता का श्रेय केवीके इटावा के प्रमुख डॉ. एमके सिंह के अपार समर्थन को दिया जाता है, जिनका समर्पण इस यात्रा को निर्देशित करने में सहायक रहा है. डॉ. सिंह के साथ-साथ आशा कुशवाहा, संजय भदोरिया, अरविंद कुमार और रीना पांडे जैसे किसान भी प्रेरणा के प्रतीक रहे हैं. इसके अलावा, श्रेयसी फार्मर पीसीएल जैसे संगठनों ने कृषक समुदायों को पोषण और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
MFOI Kisan Bharat Yatra क्या है?
'एमएफओआई किसान भारत यात्रा 2023-24' ग्रामीण परिदृश्य को बदल स्मार्ट गांवों के विचार की कल्पना करता है. एमएफओआई किसान भारत यात्रा का लक्ष्य दिसंबर 2023 से नवंबर 2024 तक देश भर की यात्रा करना है, जो 1 लाख से अधिक किसानों तक विस्तारित होगी. जिसमें 4 हजार से अधिक स्थानों का विशाल नेटवर्क शामिल होगा और 26 हजार किलोमीटर से अधिक की उल्लेखनीय दूरी तय की जाएगी. इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य कृषि समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाना है, ताकि किसानों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाया जा सके.
एक लाख से अधिक किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
MFOI भारत यात्रा का शुभारंभ भारत में करोड़पति किसानों की उपलब्धियों को पहचानने और उनके द्वारा किए गए कार्यों को पहचान दिलाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है. यह राष्ट्रव्यापी यात्रा एक लाख से अधिक किसानों से जुड़ेगी, 4520 स्थानों को पार करेगी और 26,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी. इतने बड़े पैमाने पर किसानों के साथ जुड़कर, यात्रा उनकी सफलता की कहानियों को दुनिया के समक्ष लाएगी.
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