सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कृषि स्नातक के छात्रों ने भ्रमण कर वहां चल रही विभिन्न परियोजनाओं तथा स्मार्ट खेती की तकनीकों को जाना.
कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने बताया कि छात्रों को नई-नई तकनीकों को देखकर उसको और अधिक पास से जानने का फायदा मिलता है और उनको अधिक कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. इस प्रकार के भ्रमण से छात्र अपने ज्ञान को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं. कृषि तकनीकों और खेत से रूबरू होकर छात्रों को काफी फायदा मिलेगा.
कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने कहा कि अपने करियर का विकास कैसे करें यह भी एक कौशल है. करियर का रोड मैप और उस पर अमल आपकी आगे बढ़ने की गति को तेज कर सकता है. करियर के लिए सभी छात्रों को अपना टारगेट बनाना होगा.
छात्रों को लक्ष्य के लिए अपनी योग्यताओं का विश्लेषण करना होगा. जरूरी नहीं है कि आपके पास हर एक योग्यता हो लेकिन आपके पास जो नहीं है उसका विकास करें. इसके लिए शिक्षक, मेंटर या कोच आपकी मदद कर सकते हैं. इससे छात्रों की उर्जा, भविष्य के प्रति सतर्कता और लीडरशिप के गुण का भी विकास हो सकता है.
कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने कहा कि अपने करियर का विकास कैसे करें यह भी एक कौशल है. करियर का रोड मैप और उस पर अमल आपकी आगे बढ़ने की गति को तेज कर सकता है. करियर के लिए सभी छात्रों को अपना टारगेट बनाना होगा. छात्रों को लक्ष्य के लिए अपनी योग्यताओं का विश्लेषण करना होगा. जरूरी नहीं है कि आपके पास हर एक योग्यता हो लेकिन आपके पास जो नहीं है उसका विकास करें. इसके लिए शिक्षक, मेंटर या कोच आपकी मदद कर सकते हैं. इससे छात्रों की उर्जा, भविष्य के प्रति सतर्कता और लीडरशिप के गुण का भी विकास हो सकता है.
कृषि विश्वविद्यालय में आईटी मेरठ के छात्रों ने परिसर में लगे एचआरसी एलआरसी बाय टेक्नोलॉजी कॉलेज, कृषि महाविद्यालय तथा टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में जाकर तकनीकों को देखा.
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉक्टर विवेक धामा ने कहा कि, इस प्रकार के भ्रमण से छात्र विषय के बारे में अधिक सीखते हैं, उनके करियर के लिए तकनीकी ज्ञान मिलता है. भ्रमण के दौरान एम आईटी के डॉ. विपिन, डॉक्टर वर्षा रानी, डॉक्टर दीपक, डॉ. अजय यादव शामिल रहे.
एमआईटी के अधिष्ठाता कृषि प्रोफेसर रघुवीर सिंह एवं निदेशक डॉ. हिमांशु शर्मा ने छात्रों के लिए भ्रमण को लाभकारी बताया. उन्होंने कहा कि छात्र कृषि विश्वविद्यालय का भ्रमण करके कृषि तकनीकों के बारे में देखकर अधिक जान सकें. इसके लिए उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासन को धन्यवाद दिया.
कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर आर एस सेंगर ने टिश्यू कल्चर से केले की खेती के बारे में, डॉ. अरविंद राणा ने एचआरसी का भ्रमण कराया और वहां पर बेर, अमरूद, आम व अन्य फलों की खेती की तकनीकी जानकारी दी, डॉक्टर कमल खिलाड़ी ने निमेटोड के प्रबंधन की जानकारी दी और डॉ. राजेंद्र कुमार ने बायो एजेंट उत्पादन की जानकारी छात्रों को दी.
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