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गाय और भैंस में लम्पी रोग दूर भगाने की सस्ती दवा, असर है दमदार

पशुओं को अधिकतर लम्पी स्किन डिजीज की बीमारी लगती रहती है. ये बीमारी गंभीर हो सकती है अगर इसकी रोकथाम ना की जाए इसलिए आज हम आपके लिए होम्योपैथिक पशु औषधि लेकर आए हैं जिससे चंद दिनों के भीतर ही इससे निजात मिल सकेगा..

रुक्मणी चौरसिया
Lumpy Skin Disease Treatment Medicine
Lumpy Skin Disease Treatment Medicine

गाय और भैंस में अक्सर लम्पी रोग (Lumpy Skin Disease) की बीमारी देखने को मिलती रहती है, जिससे किसानों व पशुपालकों को उन्हें पालने में दिक्कत आती है. ऐसे में आज हम आपको ऐसी दवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ आपके पशु को दुरुस्त रखेगी, बल्कि उनके आस-पास लम्पी बीमारी को भटकने भी नहीं देगी. 

लम्पी रोग का एकमात्र रामबाण होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट (Homionest Marigold LSD 25 Kit) है, जो इस रोग पर विजय पाने में सक्षम है. यह लम्पी स्किन डिजीज की होम्योपैथिक पशु औषधि (Homeopathic Animal Medicine) है, जिससे उन्हें कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होगा. आइए जानते हैं अब कि इस किट में क्या-क्या मौजूद है, उसकी खुराक क्या है और कैसे खिलाना है.

क्या होती है लम्पी स्किन डिजीज

लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणु जनित रोग है जो मच्छर, किलनी या पिस्सू के काटने से और एक ही बाल्टी से एक पशु से दूसरे पशु को पानी पिलाने से भी फैलता है. लम्पी त्वचा रोग या एल एस डी का वायरस भेड़-बकरी में होने वाले पॉक्स वायरस के जैसा ही होता है, जिसमें पशु की त्वचा पर छोटी-छोटी गांठे हो जाती हैं. यह बीमारी अफ्रीका, दक्षिण एशिया, यूरोप एवं मध्य एशिया के देशों में पायी जाती है.

किन-किन पशुओं में होती है लम्पी स्किन डिजीज

ज्यादातर यह बीमारी गाय,  बैल,  भैंस जैसे बड़े जानवर में तेजी से फ़ैल रही है .

कैसे फैलती है लम्पी स्किन डिजीज

यह मच्छरों, मक्खियों और जूँ के साथ पशुओं की लार तथा दूषित जल एवं भोजन के माध्यम से फैलता है.

लम्पी स्किन डिज़ीज के लक्षण

बुखार, लार, आंखों और नाक से स्रवण, वजन घटना, दूध उत्पादन में गिरावट, पूरे शरीर पर कुछ या कई कठोर और दर्दनाक नोड्यूल दिखाई देते हैं. त्वचा के घाव कई दिनों या महीनों तक बने रह सकते हैं. क्षेत्रीय लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं और कभी-कभी एडिमा उदर और ब्रिस्केट क्षेत्रों के आसपास विकसित हो सकती है. कुछ मामलों में यह नर और मादा में लंगड़ापन, निमोनिया, गर्भपात और बाँझपन का कारण बन सकता है.

होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट (Homionest Marigold LSD 25 Kit)

होमेओनेस्ट वी ड्रॉप्स 25 + मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे

होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट - लम्पी स्किन डिजीज और अन्य वायरल बिमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु एक बेहतरीन व् कारगर होम्योपैथिक पशु औषधि है. जिसमे पिलाने हेतु होमेओनेस्ट वी ड्रॉप न 25 तथा घाव पैर स्प्रे करने हेतु मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे है.

इस दवा को पिलाने से 10 से 15 दिन में पशु के घाव ठीक होने लगते हैं और मेरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे पशु के घाव में पस नहीं पड़ने देता है . यदि किसी कारण से पस पड़ जाये तो इस दवा से घाव जल्दी ठीक होने लगते हैं .

कोर्स

होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट में 2 दवा हैं पहली दवा होमेओनेस्ट वी ड्रॉप्स 25 पशु को दिन में तीन बार 20-25 बून्द रोज पिलानी है तथा दूसरी दवा मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे है जिसे पशु के घाव पर स्प्रे करना है. यह कोर्स कम से कम 15 से 20 दिन तक लगातार देवें .

होमेओनेस्ट वी ड्रॉप्स 20

लम्पी स्किन डिजीज और  अन्य वायरल बिमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु  सहायक है.

खुराक

होमेओनेस्ट वी ड्रॉप्स 25 पशु को दिन में तीन बार 20-25 बून्द रोज पिलानी है.

प्रस्तुति

30 मिली

मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे

घाव पैर स्प्रे करने हेतु मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे

खुराक

मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे है जिसे पशु के घाव पर स्प्रे करना है. स्प्रे करने के लिए बोतल को सीधा पकड़ें तथा 10-15 सेंटीमीटर की दुरी से घाव पर स्प्रे आवश्यकतानुसार उपयोग करें .

प्रस्तुति

60 मिली स्प्रे पैक

होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट की कीमत

300 रुपए/किट 

कैसे होती है लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम

चूंकि यह वायरल संक्रमण है, इसलिए इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन द्वितीयक जीवाणु संक्रमण से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीहिस्टामिनिक दवाएं दी जाती हैं.

होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट – लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Disease) तथा अन्य वायरल बिमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु एक बेहतरीन व् कारगर होम्योपैथिक पशु औषधि है. जिसमें पिलाने हेतु होमेओनेस्ट वी ड्रॉप न 25 तथा घाव पैर स्प्रे करने हेतु मैरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे है .

इस दवा को पिलाने से 10 से 15 दिन में पशु के घाव ठीक होने लगते हैं तथा मेरीगोल्ड एंटीसेप्टिक स्प्रे पशु के घाव में पस नहीं पड़ने देता है . यदि किसी कारण से पस पड़ जाये तो इस दवा से घाव जल्दी ठीक होने लगते हैं .

पशु को दवा देने का तरीका

जल्दी व प्रभावी नतीजों के लिए कोशिश करने की होम्योपैथिक दवा पशु की जीभ से लग के ही जाये. होम्योपैथिक पशु औषधियों को अधिक मात्रा में न दें, बार बार व कम समयांतराल पर दवा देने से अधिक प्रभावी नतीजें प्राप्त होते हैं. पिने के पानी में अथवा दवा के चूरे को साफ हाथों से पशु की जीभ पर भी रगड़ा जा सकता है .

तरीका 1

गुड़ अथवा तसले में पीने के पानी में दवा या टेबलेट या बोलस को मिला कर पशु को स्वयं पिने दें.

तरीका 2

रोटी या ब्रेड पर दवा या टेबलेट या बोलस को पीस कर डाल दें तथा पशु को हाथ से खिला दें.

तरीका 3

थोड़े से पीने के पानी में दवा को घोल लें, फिर एक 5 मि0ली0 की सीरिंज (बिना सुईं की) से दवा को भर कर पशु के मुँह में अथवा नथुनों पर स्प्रै कर दें . ध्यान दें की पशु दवा को जीभ से चाट लें.

नोट : कृपया दवा को बोतल अथवा नाल से न दें.

English Summary: medicine to remove lumpy disease in cow and buffalo, the effect is strong Published on: 14 July 2022, 05:15 PM IST

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