
Madhya Pradesh Government Scheme: मध्य प्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि को लेकर गंभीरता से काम कर रही है. किसानों की आय बढ़ाने और खेती को अधिक लाभकारी बनाने के लिए राज्य सरकार ने बजट में कई अहम योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं. इसमें खास तौर पर फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए बजट में किए गए ये प्रावधान इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि सरकार खेती को आधुनिक, टिकाऊ और लाभकारी बनाने की दिशा में गंभीर है. यह प्रयास राज्य के लाखों किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करेगा और ‘समृद्ध किसान, समृद्ध मध्यप्रदेश’ के लक्ष्य को साकार करेगा.
आइए राज्य सरकार की इन दोनों ही पहल के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं कि कैसे इससे किसानों को लाभ पहुंचेगा.
20 करोड़ रुपए फसल विविधीकरण योजना के लिए
सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को केवल पारंपरिक फसलों तक सीमित न रहकर वैकल्पिक फसलों जैसे फल, फूल, दलहन, तिलहन, औषधीय पौधों और सब्जियों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. यह कदम किसानों की आय को स्थिर और बहुआयामी बनाने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा.
30 करोड़ रुपए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन हेतु
राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है. इसका उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक और देसी तरीकों को अपनाना है, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और उत्पाद भी स्वास्थ्यवर्धक हों. किसानों को इस तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण, जैविक सामग्री और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाएगा.
किसानों की उन्नति, मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) June 14, 2025
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✅फसल विविधीकरण योजना के लिए ₹𝟐𝟎 करोड़ का प्रावधान
✅प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु ₹𝟑𝟎 करोड़ का प्रावधान@DrMohanYadav51 @CMMadhyaPradesh @AgriGoI @Aidalsinghkbjp #MadhyaPradesh https://t.co/xzbfAv7I35
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य खेती को केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि लाभ का व्यवसाय बनाना है. सरकार किसानों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण, बीज एवं संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें बाज़ार तक पहुंचाने की योजना पर भी काम कर रही है.
खेती को टिकाऊ और लाभकारी बनाना ही किसानों की असली उन्नति है. इसलिए योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर लागू की जा रही हैं. किसानों को प्रशिक्षण देने, बीज वितरण, तकनीकी सहयोग और बाजार सुविधा जैसी व्यवस्थाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
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