ब्लूप्लेनेट सोसाइटी, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश,इंटरनेशनल अकेडमी ऑफ साइंस एवं रिसर्च (IASR) कोलकता, बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, इलाहाबाद, गलोबल एन्वॉयरन्मेंट एन्ड सोसियल एसोसिएशन, नई दिल्ली के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय वैश्विक सम्मेलन ‘‘हमारी जैव विविधता, हमारा भोजन और हमारा स्वास्थय‘‘ विषय पर भारत का वनस्पति सर्वेक्षण सभागार, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में 21-22 मई 2019 को आयोजित की गयी. इस सम्मेलन के सम्मान सत्र में प्रोफेसरविश्वम्भर दयाल मुद्गल को उनके विज्ञान, समाज और पर्यावरण उत्कर्ष एवं सरंक्षण में अमूल्य योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड का सम्मान मुख्य अतिथि श्री राहुल चतुर्वेदी, माननीय न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश प्रो. आर. के. पी. सिंह, कुलपति, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ, प्रो. दिलीप कपूर, निदेशक उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश के करकमलों द्वारा दिया गया.
डॉ. मुद्गल, वर्तमान में प्रोद्यौगिकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय के खाद्य प्रसंस्करण विभाग में कटाई उपरान्त् अभियान्त्रिकी एवं प्रोद्यौगिकी परियोजना में कार्यरत हैं. डॉ. मुद्गल के 40 से अधिक शौद्य पत्र राष्ट्रिय एवं अन्तराष्ट्रिय शौद्य पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. इसके अतिरिक्त से खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित 5 किताबों का लेखन के साथ 20 से अधिक स्नातकोत्तर एवं विद्यावाचस्पती के शौद्य छात्रों का मार्गदर्शन भी किया है. डॉ. मुद्गल की स्नातकोत्तर दुग्ध एवं खाद्य अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में आई. आई. टी., खड़कपुर एवं विद्या वाचस्पती, दुग्ध अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में एन. डी. आर. आई, करनाल से हुई है. पिछले 30 वर्षों के सेवाकाल में डॉ. मुद्गल ने मेजडीहस्कर कम शेलर, गार्लिकबल्बबेरकर, लहसुन की कलियां छीलने की मशीन (गार्लिक क्लोव पीलर), अदरक छिलाई यंत्र,अदरक व हल्दी पॉलिशर, तुम्बा बीज पृथकीकरण इकाई एवं पनीर बनाने की मशीन आदि का विकास तथा कृषि एवं दुग्ध प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षण के द्वारा ग्रामीण समाज एवं पर्यावरण के उत्थान के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है.
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