देश में कपास बीज निर्माता कंपनियों ने माना है कि पंजाब में कपास बीज मांग 20-30 प्रतिशत तक कम हो गई है। इस बीच कपास के सीजन की धीमी शुरुआत हुई है। बीटी कॉटन की मांग एक साल पहले की अपेक्षा काफी कम होती जा रही है। किसानों ने बेहतर आमदनी लेने के लिए मक्का एवं धान जैसी दूसरी फसलों पर ध्यान दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कपास का रकबा भी 15-20 प्रतिशत तक कम हो सकता है जबकि कपास बीज के लिए 8 प्रतिशत की छूट भी दी गई है। बीज कंपनियां दावा कर रही हैं कि 2017-18 सत्र में कपास की खेती लगभग 122 लाख हैक्टेयर में दर्ज की गई थी लेकिन पिछले साल फसल में कीट के प्रकोप के चलते बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था। इसके साथ ही गलत कीटनाशक इस्तेमाल से भी फसल प्रभावित हुई थी।
बीज वितरकों का मानना है कि सरकार ने भी मार्च 2018 में कपास के बीज के लिए 450 ग्राम की पैकिंग पर 60 रुपए की छूट दी है इसके बावजूद किसानों में कपास की खेती के लिए उत्साह कम देखा जा रहा है। पंजाब सरकार भी किसानों
को बासमती चावल से अधिक मुनाफा कमाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
जिससे भी कपास की फसल में कम रुचि लेने का कारण बताया जा रहा है।
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