भारत में दूध की मांग बढ़ने से डेयरी के कारोबार को भी रफतार मिल रही है... पिछले कुछ समय में ऐसा देखा गया है की युवाओं में डेयरी कारोबार को लेकर उत्साह बढ़ी है... बढ़ती मांग और अच्छे मुनाफे की वजह से यह उद्दोग काफी तेजी से बढ़ रहा है... ऐसे कई उदाहरण भी देखने को मिला हैं की मल्टीनेशनल कंपनीयों में जॉब कर रहे युवाओं ने भी जॉब छोड़कर अपना डेयरी कारोबार शुरू किया है... वहीं इस उद्दोग में ज्यादा मुनाफे के लिए अचछी नसल की गायों का होना काफी जरूरी है... यह बात तो हम सभी अच्छे से जानते हैं की भारत में कुछ नसल की गायें ज्यादा दूध देती हैं जो किसानों के लिए फायदेमंद है...
वहीं इन दिनों सोशल मीडिया में एक खबर काफी च्रर्चा में है की भारतीय सेना एक लाख वाली कीमत की गाय मात्र एक हजार में बेच रही है... और ऐसे गायों कि संख्या लगभग 25000 है... ये खबर लगभग सभी लीडिंग पोर्टल में दिखी और सभी ने इसके बारे में अतिरिक्त जानकारी भी मुहैय्या करवाई... तो इस खबर को पढ़ कर पूरे देश के कई किसानों ने इन गायों को खरीदने की इच्छा जताई... लेकिन, इन गायों को बेचने के लिए भारतीय सेना ने कुछ मानक तय कीए थे... जो इस बात की जानकारी देगा इन गायों को किसे बेचा जा रहा है...
खबर के अनुसार भारतीय सेना 1 लाख की कीमत वाली फ्रिसवाल नस्ल की गायों को मात्र 1 हजार में बेच रही है और इन गायों की संख्या 25000 है... एक बीज़नेस अख़बार में छपी ख़बर के मुताबीक सेना ने फैसला किया था इन गायों को स्टेट डेयरी कोऑपरेटिव्स व अन्य सरकारी विभागों को महज 1000 रुपए प्रति गाय की कीमत पर दिया जाएगा और यहां तक गायों को ले जाने का खर्च भी उन्हें ही उठाना होगा जो इन गायों को ले जाएंगे। यह फैसला गायों को बचाने के लिहाज से लिया गया था... दरअसल, इन गायों को बेचते वक्त इस बात को लेकर चिंता थी कि अगर इन गायों को आम किसानों या प्राइवेट डेयरी मालिकों को बेचा गया तो कहीं ऐसा ना हो कि वो इसे कसाईघर भेज दें, क्योंकि इन गायों के रखरखाव में काफी खर्चा आता है...
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