हरियाणा के गुरुग्राम गांव बसई में आज 20 जून, 2024 को “ग्वार उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियायें” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ तथा हिंदुस्तान गम एंड केमिकल्स, भिवानी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया जिसमे गांव के करीब 100 किसानों ने भाग लिया. कृषि विज्ञान केंद्र/ Krishi Vigyan Kendra के वरिष्ठ संयोजक डॉ. रमेश कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा की किसान उन्नत कृषि क्रियाओं को अपनाकर ग्वार फसल के उत्पादन को बढ़ा सकते है.
हिंदुस्तान गम एंड केमिकल्स, भिवानी से आये डॉ आर. के. सैनी ने बताया की वैज्ञानिक जानकारी न होने के कारण बहुत से किसान ग्वार फसल की पूरी पैदावार नहीं ले पाते तथा पुराने, रूढ़िवादी तरीके अपनाने के कारण वह हर साल नुकसान उठा रहे हैं.
किसानों को जल संरक्षण, जैविक खादों तथा उन्नत किस्मों से ग्वार फसल की बिजाई की ओर विशेष ध्यान देना होगा. बीज उपचार जैसे सस्ते व कारगर तरीकों की जानकारी प्राप्त कर एक आदत के रूप में अपनाना होगा ताकि फसलों को बीज-जनित व भूमि-जनित रोगों व कीटों से बचाया जा सके . उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वह ग्वार के उखेड़ा रोग की रोकथाम के लिए कार्बनडाजिम द्वारा बीज को उपचारित करके बोएं. शिविर में इस दवा के सैंपल भी किसानों में मुफ्त बांटे गए.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. जयलाल यादव ने किसानों को ग्वार फसल से मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे में बताया और साथ ही उन्होंने नुकसान पहुंचाने वाले कीटो के बारे में भी जानकारी दी तथा उनके नियंत्रण के बारे में बताया. उन्होंने किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में जैसे एच. जी. - 365, एच. जी. - 563 तथा एच. जी. – 2-20 से बुवाई करने की सलाह दी.
जागरूकता शिविर में किसानो को ग्वार फसल में नुकसान पहुंचाने वाले खरपतवार के बारे में जानकारी दी और उनके नियंत्रण के बारे में बताया गया. इस कार्यक्रम में ग्वार उत्पादन विषय पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया तथा किसानो को इनाम देकर सम्मानित किया गया.
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