तीसरे दिन "कृषि संयंत्र" के इस सम्मेलन में राज्य के विभिन्न हिस्सों से खासतौर पर बालासोर के अलग-अलग जगहों से किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, कृषि इंजीनियरों और कृषि अधिकारियों ने भाग लिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज मेले में ओडिशा के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया. साथ ही बालासोर जिले के कृषि क्षेत्र को और आगे बढ़ाने का काम किया.
तीसरे दिन भी किसानों को मिले प्रमाण-पत्र
कृषि संयंत्र सम्मेलन (krishi sanyantra sammelan) के पहले दिन से ही किसान भाइयों और महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है. आज भी इस मेले में सभी प्रगतिशील किसानों और प्रदर्शकों को प्रमाण पत्र भी दिए गए. ताकि राज्य के अन्य किसान सहित आम जनता भी प्रोत्साहित हो सकें और वह खेती-बाड़ी की उन्नत तकनीकों को अपना अधिक से अधिक लाभ कमा सके और एक सफल किसान की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कर सके.
आज के इस मेले के मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर एसपी नंदा (डीन, एमएस स्वामीनाथन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर, सीयूटीएम, गजपति), तापस रंजन प्रधान (डीडीएम नाबार्ड, बालासोर) ने भाग लिया. इसके साथ ही कृषि जागरण के संस्थापक एमसी डोमिनिक (एमसी डोमिनिक) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे और उन्होंने मेले का दौरा किया.
साथ ही इस मेले में कृषि में उपयोग होने वाले उन्नत ज्ञान और तकनीक के बारे में चर्चा की गई ताकि किसान अधिक उत्पादक और समृद्ध हो सकें. यह कार्यक्रम उक्त किसानों को नई तकनीकों और कृषि से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सफल किसान बना सकता है. ताकि वह भविष्य में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सके. देखने से यह भी लग रहा हा कि इस मेले के माध्यम से किसानों को यह भी जानकारी मिल रही है कि किसान कैसे और कहां अपनी फसल को बेचें और फिर उन्हें कितना लाभ प्राप्त होगा.
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मेले के बारे में...
यह तीन दिवसीय कृषि संयंत्र सम्मेलन (Three Day krishi sanyantra sammelan) ओडिशा के किसानों को एक साथ लाने के लिए कृषि जागरण के द्वारा शुरू किया गया, जोकि 25 मार्च से शुरू हुआ और आज इस कार्यक्रम का आखिरी दिन है. पहले दिन से ही यह सम्मेलन किसान के बीच बेहद लोकप्रिय रहा है.
बता दें कि इस मेले में निर्माताओं, डीलरों और कृषि मशीनरी (Agricultural machinery) और उपकरणों के वितरकों सहित 200 से अधिक प्रदर्शकों के भाग लिया और अपना योगदान देकर किसानों की मदद को नई तकनीक के साथ अन्य जरूरी जानकारी भी साझा की.
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