कृषि के क्षेत्र में भारत निरंतर प्रगति कर रहा है इस परिपेक्ष्य में भारत को अन्य कृषि प्रधान देशों के साथ जोड़ना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। भारत के कृषि में बढ़ते कदम इस बात के गवाह हैं कि यदि निरंतर प्रयास किया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब किसानों की उन्नति को दोगुना करने के सपने को हकीकत में बदलना संभव होगा। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। किन्तु इस सत्य को भी हम नजरंदाज नहीं कर सकते कि कृषि प्रधान देश होते हुए भी किसानों की परिस्थिति में निरंतर गिरावट देखी गई है। इस स्थिति से किसानों को उबारना ही कृषि जागरण का मुख्य उद्देश्य है और सदैव रहेगा। कृषि जागरण इस सन्दर्भ में निरंतर प्रयासरत रहा है एवं किसान भाइयों के सपनों को साकार करने के लिए सदैव कृषि क्षेत्र में कुछ नया करने के लिए अग्रसर रहा है।
इसी सन्दर्भ में हमारे किसान भाइयों की उन्नति के लिए कृषि जागरण चीन और दुबई में सफलता प्राप्त करने के बाद इज़राइल जा पहुंचा है। इजराइल में संपन्न होने वाले, “इज़राइल एग्रीटेक” में भाग लेने के लिए कृषि जागरण का प्रतिनिधि-मंडल अन्य किसान भाइयों एवं कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए अन्य सहभागियों के साथ कृषि से जुडी हुई तकनीकों को देश के किसानों तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। इस तथ्य से हम इनकार नहीं कर सकते की इजराइल एक ऐसा कृषि प्रधान देश है जहां कृषि को परंपरा नहीं, विज्ञान माना जाता है। पिछले दशक के दौरान, इजराइल ने कृषि क्षेत्र में महान अनुभव और सर्वोत्तम अभ्यास जमा किए हैं। विशेष रूप से उच्च उत्पादन वाले पानी कुशल फसलों, मूल्य श्रृंखला उन्नयन, नवीन प्रौद्योगिकियों औरप्रबंधन उपकरणों के क्षेत्रों में, जो कृषि उत्पादन के सामाजिक और आर्थिक लाभों को अधिकतम करते हैं। भारत के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक ड्रिप सिंचाई, कम्प्यूटरीकृत सिंचाई प्रणाली, नियंत्रित जलवायु उत्पादन औरउच्च उपज संयंत्र सत्यापनों का विकास है। इसके अलावा इज़रायल ने ताजे कृषि उत्पाद की पैकिंग और शिपिंग के लिए अभिनव प्रक्रियाएं लागू की हैं। यह एक ठोस निर्यात बाजार को सक्षम करता है जो कि भारतीय कृषि क्षेत्र, जो वर्तमान में प्रमुख संरचनात्मक परिवर्तनों के लिए संपन्न है, कर्मचारियों के प्रमुख हिस्से को समायोजित करना जारी रखता है। क्षेत्र इस बेहतर उत्पादन सुविधाओं और सिंचाई, उच्च उपज देने वाले बीज, फसल पद्धति में बदलाव आदि की स्थापना के बाद भी उत्पादन में उतार-चढ़ाव की संभावना है। कई पहलुओं में बहुत समानताएं हैं। एग्रो टेक्नोलॉजी में इजराइल उत्कृष्टता पहले से साबित हो रही है और यह साबित करना जारी रखेगा कि कृषि उत्पादकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के सुधार के लिए उपयुक्त मैच है। भारत में इजरायल के कुल कृषि निर्यात का 62% हिस्सा है।
इन प्रमुख बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए कृषि जागरण ने इस प्रतिनिधि मंडल को सफल बनाने के प्रयास में इज़राइल के क्षेत्र से जुड़े हुए केन्द्रों से भी संपर्क बनाया एवं यह जानने का प्रयास किया कि इस्ररायली तकनीक से क्या वाकई में भारतीय किसानों को लाभ हो रहा है? इस प्रयास को बढ़ावा देते हुए इज़राइल एग्रीटेक में कृषि जागरण की उपस्थिति इस देश के किसानों के लिए अवश्य कुछ नई दिशाएं खोलेंगी। इसी शुभमनोकामना के साथ, सदैव भारतीय कृषि की सेवा में कार्यरत “कृषि जागरण”.
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