नई दिल्ली: भारत की अग्रणी सब्जी बीज निर्माता कंपनी सोमानी कनक सीड्स और प्रमुख एग्री मीडिया हाउस कृषि जागरण ने आधिकारिक तौर पर एक एमओयू यानी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य 10,000 किसानों को उनकी आय सृजन के अवसरों को बढ़ाने के लिए शिक्षित और सशक्त बनाना है.
एमओयू के तहत, कृषि जागरण और सोमानी सीड्स संयुक्त रूप से 30 किसान प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे, जो मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया (एमएफओआई) अवार्ड्स तक चलेंगी, जोकि 1 से 5 दिसंबर, 2024 को होने वाला है. इन कार्यशालाओं में मूली की खेती के लिए सर्वोत्तम विधि की जानकारी प्रदान की जाएगी, जिसमें बीज चयन से लेकर फसल प्रबंधन तक सब कुछ शामिल होगा. इसके अतिरिक्त, इन कार्यशालाओं में सत्र का आयोजन होगा जिसमें किसानों को खरीदारों से जुड़ने और उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए बाज़ार पहुंच तक की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी. ये कार्यशालाएं बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्यों में 50 से अधिक जिलों में आयोजित की जाएंगी.
‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड-2024’ में 'एमएफओआई रेडिस कैटेगरी' के लिए सोमानी कनक सीड्स का स्पॉन्सरशिप मूली की खेती, पोषण लाभ और उसकी आर्थिक क्षमता पर प्रकाश डालने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. इस सहयोग के माध्यम से, कृषि जागरण का लक्ष्य देश भर में किसानों की आजीविका में सुधार करते हुए उपेक्षित सब्जियों की स्थिति को ऊपर उठाना है.
इस अवसर पर सोमानी कनक सीड्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के.वी. सोमानी ने कहा, "आज सोमानी सीड्स और कृषि जागरण के बीच एमओयू साइन हुआ है. जिसका उद्देश्य है ऐसे किसानों को उजागर और सम्मानित करना, जो 5 एकड़ से काम जमीन पर भी अच्छी खेती कर रहे हैं. छोटे किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे ही किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए सोमानी सीड्स और कृषि जागरण ने ये पहल की है. जिसके तहत किसानों को मूली के बारे में जागरूक किया जाएगा, जिसके जरिए वे कम समय में अच्छी उपज प्राप्त कर पाएं."
उन्होंने आगे कहा,"सब्जियों में मूली को 30 से 40 दिनों की अवधि में आसानी से बोया और काटा जा सकता है, जिससे भरपूर उपज सुनिश्चित होती है. इसके लिए, हमने हाइब्रिड मूली - क्रॉस एक्स 35 विकसित की है. इस हाइब्रिड मूली की परिपक्वता अवधि सिर्फ 30-35 दिन है, इसकी जड़ की लंबाई 25-30 से.मी. और वजन 480 ग्राम है. इसकी गर्मी के प्रति सहनशीलता और व्यापक बुआई विंडो इसे किसानों के लिए गेम-चेंजर बनाती है. कृषि जागरण के सहयोग से, मुझे विश्वास है कि हम इस असाधारण सब्जी का लाभ देश भर के प्रत्येक प्रगतिशील किसान तक पहुंचा हैं."
कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एम.सी डोमिनिक ने कहा, "केवी सोमानी पिछले 20 वर्ष से किसानों की बेहतरी और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. इनका सपना किसानों को 'एकड़ मिलियनेयर फार्मर' बनाना है. ऐसे किसान जो छोटी जमीन से मुनाफा कमाकर मिलियनेयर बन पाएं. इस एमओयू के बाद आने वाले दिनों में हम कुछ ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जिसमें हम 10 हजार के करीब किसानों को जागरूक करेंगे और उन्हें बताएंगे कि कैसे वे कम जमीन से भी ज्यादा मुनाफा कमा कर एक 'मिलियनेयर किसान' बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें रेडिश यानी मूली एक बेहतर विकल्प है. क्योंकि इसकी फसल जल्दी तैयार हो जाती है और किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं."
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उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र में ये एमओयू एक मील का पत्थर साबित होगा. इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जहां मीडिया और उद्योग किसानों और कृषि की बेहतरी के लिए एक साथ आए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए सोमानी सीडज ने मूली, गाजर समेत कई अन्य सब्जियों की ऐसी किस्में विकसित की है, जो कम समय में ज्यादा उपज देती है. ऐसे में किसान इनसे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम साथ मिलकर किसानों और कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम करेंगे.
मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड-2024 के बारे में
एमएफओआई पुरस्कार उन भारतीय किसानों की असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देना चाहता है जिन्होंने न केवल अपनी आय दोगुनी की है, बल्कि अपने अथक प्रयासों और नवीनतम कृषि पद्धतियों के माध्यम से करोड़पति किसान भी बन गए हैं. इसका उद्देश्य भारत के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के रियल हीरो को स्वीकार करने और सम्मानित करने के लिए सबसे अमीर और प्रगतिशील किसानों के साथ-साथ कुछ शीर्ष कॉरपोरेट्स को एक छत के नीचे लाना है.
कृषि जागरण के बारे में
विगत तीन दशकों से कृषि पत्रकारिता में अनवरत कार्यरत कृषि जागरण कंपनी ने प्रिंट से लेकर डिजिटल और सोशल मीडिया तक विभिन्न प्रारूपों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. उच्चतम पाठक संख्या के साथ विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होने वाली पत्रिका की वजह से 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी इसका नाम दर्ज है. कृषि क्षेत्रों के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से हमारी कंटेंट वितरण को स्वीकार करते हुए, कृषि जागरण को 'डिजिटल मीडिया में उत्कृष्टता' श्रेणी में 'कृषि उद्यमी कृषक रतन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर गहरी पैठ के साथ, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि देश के सभी ग्रामीण इलाकों में कृषि जागरण की पहुंच है.
सोमानी कनक सीड्स के बारे में
2013 में स्थापित सोमानी सीड्स, भारत में सबसे तेजी से बढ़ती सब्जी बीज निर्माता कंपनियों में से एक है, जिसके पूरे देश में डीलरों और वितरकों का एक बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है. बेहतर उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल उच्च गुणवत्ता वाले बीज विकसित करने के लिए सोमानी सीड्स के चार अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं. इसके उत्पादन केंद्र (भारत और भारत के बाहर दोनों जगह) स्थापित किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरे भारत और चुनिंदा विदेशी बाजारों में भेजे जाने से पहले उच्चतम गुणवत्ता वाले बीज उगाए और संसाधित किए जाएं. सोमानी सीड्स ने बहुत ही कम समय में सब्जी बीज उद्योग में उच्च मुकाम हासिल कर लिया है और कृषि उत्पादन और किसानों की आय में सार्थक सुधार लाने के लिए विकास और नवाचार करते रहने के लिए प्रतिबद्ध है.
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