भारत में केंद्र सरकार से लेकर अलग-अलग राज्यों की सरकारों तक सभी किसी न किसी रूप में लड़कियों को सशक्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही हैं. इसी योजनाओं के क्रम में हिमाचल प्रदेश सरकार की ‘बेटी है अनमोल’ योजना आती है. यह योजन पहले ‘बालिका समृद्धि योजना’ के नाम से जानी जाती थी, लेकिन 2018 में इसका नाम बदलकर ‘बेटी है अनमोल’ कर दिया गया.
दरअसल, ‘बेटी है अनमोल’ योजना हिमाचल प्रदेश में लड़कियों को सशक्त करने के लिए चलाई जा रही है. इस योजना के तहत 12 अगस्त 2021 से पहले तक लड़कियों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिलती थी. अगस्त 2021 में इस योजना में हुए बदलाव के बाद लड़कियों के जन्म के दौरान ही एकमुश्त 21000 रुपए की एक एफडी की जा रही थी, लेकिन अब पिछली साल हुए बदलाव के बाद इस योजना के तहत प्रदेश में बची 27,590 पंजीकृत लड़कियां जो मौजूदा वक़्त में पढ़ाई कर रही हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है. जिसके चलते हिमाचल में यह एक चर्चा का विषय बना हुआ है.
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2021 से पहले इस योजन के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं
गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाले हिमाचल प्रदेश के स्थानीय मूल निवासी परिवारों की लड़कियों को बेटी हैं. अनमोल योजना के तहत अगस्त 2021 से पहले कक्षा एक से ग्रेजुएशन, एमबीबीएस, एलएलबी, इंजीनियर, आयुर्विज्ञान आदि कोर्स करने पर छात्रवृत्ति दी जाती थी, जिसमें पहली कक्षा में 450 रुपये वार्षिक से शुरू होकर ग्रेजुएशन या अन्य कोर्स करने पर 5000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती थी. मगर अब योजना में बदलाव के बाद बेटी के जन्म पर ही 21,000 रुपये की एफडी करवाई जाती है.
योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक योग्यता
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सबसे पहले हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है.
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आवेदन करने वाला परिवार गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए.
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इस योजना के तहत एक परिवार में सिर्फ दो ही लड़कियों को ही लाभ मिल सकता है.
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