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किसानों की आवाज़ को बुलंद करेगी 'किसान की बेटी'…

एक किसान अपनी परेशानी को लेकर हमेशा दब जाता है फिर चाहे वो किसी राजनेता के प्रेशर से दबे या सरकारी कर्मचारी की दलीलों से. किसान की आवाज़ को हमेशा दबाने की कोशिस की गयी है, लेकिन नीलकमल एंटरटेमेंट के बैनर तले बनाई जाने वाली फिल्म 'किसान की बेटी' के जरिये किसानों की आवाज़ को उठाने की कोशिश की गयी है.

एक किसान अपनी परेशानी को लेकर हमेशा दब जाता है फिर चाहे वो किसी राजनेता के प्रेशर से दबे या सरकारी कर्मचारी की दलीलों से. किसान की आवाज़ को हमेशा दबाने की कोशिस की गयी है, लेकिन नीलकमल एंटरटेमेंट के बैनर तले  बनाई जाने वाली फिल्म 'किसान की बेटी' के जरिये किसानों की आवाज़ को उठाने की कोशिश की गयी है. इस फिल्म का शूट गोरखपुर के श्री संतकबीर नगर में जनवरी में शुरू हो चुका है. यह फिल्म दो किरदारों किसान और उसकी बेटी पर आधारित है, इस फिल्म में बतौर मुख्य कलाकार गजेंद्र चौहान, अहसान खान, नीतू पण्डे, मनु सिंह, कलसी अनुराधा, चिंटू और मनीष है. फिल्म की कहानी युसूफ भाई शेख और रामसरन मौर्य ने लिखी है, जबकि इस फिल्म में संगीत राजेंद्र राज ने दिया है.

कृषि जागरण ने इस फिल्म के निर्माता रामसरन मौर्य और टीम के सदस्यों से बात की पेश है कुछ मुख्या अंश : 

'किसान की बेटी' किसानों और बेटियों पर बनायीं जाने वाली फिल्म है, जबकि आजकल इस तरह के सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनती नहीं, तो आपके मन में इसका विचार कैसे आया?

देखिये, हमारे देश की अर्थव्यवस्था किसानों पर ही टिकी हुई है और किसानों के कारण ही हमारा पूरा देश चल रहा है. परन्तु किसानो की इस देश में सबसे बुरी हालत है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इस माध्यम से किसानो की आवाज़ सर्कार तक पहुँचाने  की  कोशिश की है. दूसरी बात आज हमारे समाज में बेटियों के प्रति देश में आज भी एक छोटी सोच है, जिसके कारण बच्ची अपने आप को स्वतंत्र महसूस नहीं करती. हमारा प्रयत्न नारी सकती को बढ़ावा देना है ताकि उनके हितों की रक्षा हो, यह फिल्म बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सन्देश देती है. 

 

'किसान की बेटी' इस फिल्म की शूटिंग को लेकर आपकी क्या योजना है ?

मेरी पूरी टीम उत्साह से भरी हुई है लगभग सभी तैयारी की जा चुकी हैं. कार्य चल रहा है हम शूट शुरू कर चुके हैं.  

हमारी पत्रिका कृषि जागरण के माध्यम से आप किसान भाइयों को कुछ कहना चाहेंगे ?

किसान भाइयों को कुछ कहने की आवस्यकता नहीं है. वो भूमिपुत्र है वे सब समझते हैं. हमारा प्रयास उन्हें सराहनीय लगे बस यही आशा है किसानों से. 

मुकेश महादेवन सर किसान की बेटी बतौर निर्देशक आपकी पहली फिल्म , क्या कुछ नया करने वाले हैं आप ?

गौरवान्तित्व महसूस कर रहा हूँ.  मै अपनी ऊर्जा से कार्य करूँगा और प्रयत्न करूँगा की बेहतर कर पाऊँ.  मेरी पूरी टीम उत्साहित है.  

यह फिल्म क्या सन्देश देती है फिल्म की कहानी काल्पनिक है या वास्तविक ?

फिल्म सामाजिक मुद्दों पर ही आधारित है. किसान और उसकी बेटी इस फिल्म के दो मुख्य किरदार है.  इसकी कहानी काल्पनिक है.  मनु सिंह इस फिल्म की मुख्य भूमिका में दिखेंगी, उनका इस फिल्म में माँ किरदार है.  'बिन बेटी आँगन सूना'  'देवो के देव महादेव' 'सावधान इंडिया' 'क्राइम पेट्रोल' 'फियर फाइल्स' जैसे बड़े धारावाहिक में काम कर चुकी हैं.  उनकी दो बड़ी फिल्में 'मोम' 'लव शव प्यार '  रीलीज़ हो चुकी है.  मनु सिंह कलसी ने फिल्म के बारे में कहा की इस फिल्म का हिस्सा बनकर वो खुश हैं.  यह फिल्म बदलाव की एक कोशिश है. 

 

अनुराधा आप इस फिल्म में किस तरीके का किरदार निभा रहीं हैं ?

यह मेरी पहली फिल्म है मैं इस फिल्म में कविता नाम का किरदार निभा रही हूँ.  यह एक महत्वपूर्ण फिल्म है.  मैं अपना किरदार पूरी ऊर्जा से निभाऊंगी, अपने आप को काफी भाग्यशाली महसूस कर रहीं हूँ. मैं आपको बताना चाहूंगी फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर जय लोहरा इस फिल्म में मार्केटिंग और प्रोडक्शन की जिम्मेदारी संभल रहे हैं.  

'कृषि जागरण' उन्ही के प्रस्ताव पर फिल्म में मीडिया पार्टनर हैउनका प्रयास है की फिल्म को घर-घर तक पहुँचाया जाए.  

English Summary: Kisan Ki Beti will uproot the voices of farmers... Published on: 12 January 2018, 11:56 PM IST

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